Maharashtra की जनता को चुनावी मौसम में सियासी दल गारंटियां ही गारंटियां दे रहे हैं
महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने यह भी वादा किया कि यदि वह सत्ता में आया तो राज्य में जाति आधारित गणना कराई जाएगी और केंद्र में सत्ता में आने पर आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा हटा दी जाएगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने के लिए तमाम सियासी दल जनता को विभिन्न तरह की गारंटियां दे रहे हैं। इस क्रम में गठबंधनों के तो घोषणापत्र आ ही रहे हैं साथ ही गठबंधन में शामिल दल अलग से भी अपना घोषणापत्र जारी कर रहे हैं। यानि जनता को गारंटियां ही गारंटियां दी जा रही हैं। हम आपको बता दें कि एक दिन पहले विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने राज्य की महिलाओं को प्रतिमाह तीन हजार रुपये देने और राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा का वादा किया था। एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं।
एमवीए के अनुसार कृषि समृद्धि योजना के तहत किसानों का तीन लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जाएगा और फसल ऋण के नियमित भुगतान के लिए प्रोत्साहन के रूप में 50,000 रुपये दिए जाएंगे। एमवीए के शीर्ष नेताओं की एक सभा में बेरोजगार युवाओं के लिए 4,000 रुपये प्रति माह भत्ता, 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा और निःशुल्क दवाएं देने समेत की गारंटियों की घोषणा की गई। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना-राकांपा सरकार फिलहाल अपनी प्रमुख ‘लाडकी बहिन’ योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह का भुगतान कर रही है और उसने सत्ता में बने रहने पर इस राशि को बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया है। एमवीए ने यह भी वादा किया कि यदि वह सत्ता में आया तो राज्य में जाति आधारित गणना कराई जाएगी और केंद्र में सत्ता में आने पर आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा हटा दी जाएगी।
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इस बीच, आज शिवसेना (यूबीटी) ने अपनी पार्टी का अलग से भी घोषणापत्र जारी किया। पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी किया, जिसमें लड़कों को मुफ्त शिक्षा और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के आश्वासन के साथ ही धारावी पुनर्विकास परियोजना को रद्द करने का वादा भी किया गया है। ठाकरे ने कहा कि ज्यादातर चुनावी वादे विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी (एमवीए) के घोषणापत्र का हिस्सा हैं, लेकिन कुछ बिंदु हैं जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ठाकरे ने आश्वासन दिया कि जिस तरह से राज्य में छात्राओं को सरकारी नीति के तहत मुफ्त शिक्षा मिल रही है, अगर एमवीए सत्ता में आता है तो इसे छात्रों के लिए भी लागू किया जाएगा। धारावी पुनर्विकास परियोजना के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे रद्द कर दिया जाएगा क्योंकि इसका बुरा प्रभाव मुंबई पर होगा। उन्होंने कहा कि तेजी से हो रहे शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र और मुंबई में भी आवास नीति होगी। ठाकरे ने कहा कि अगर एमवीए सत्ता में आता है तो वह कोलीवाड़ा और गौठानों के क्लस्टर विकास को रोक देगा और यह निवासियों को विश्वास में लेने के बाद किया जाएगा। शिवसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी रोजगार सृजन की दिशा में काम करेगी।
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