National Cancer Awareness Day 2024: हर साल 07 नवंबर को मनाया जाता है नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे, जानिए इतिहास
हमारी लाइफस्टाइल और खानपान में कई ऐसी गड़बड़ी होती हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ावा देती हैं। ऐसे में सभी लोगों को कैंसर के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 07 नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे मनाया जाता है।
दुनियाभर में कैंसर तेजी से बढ़ती हुई समस्या है। हर साल लाखों की संख्या में लोगों की कैंसर के कारण मौत हो जाती है। कई कैंसर ऐसे भी हैं, जिनको रोका जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो कम उम्र से ही इसके लिए लगातार प्रयास करते रहने की जरूरत होती है। अगर परिवार में पहले भी किसी को कैंसर रहा है, उनको अलर्ट रहना चाहिए। भारत में कैंसर की रोकथाम, शुरूआती लक्षण और उपचार के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 07 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस मनाया जाता है। बता दें कि साल 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी शुरुआत की थी।
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक हमारी लाइफस्टाइल और खानपान में कई ऐसी गड़बड़ी होती हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ावा देती हैं। ऐसे में सभी लोगों को कैंसर के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 07 नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे मनाया जाता है।
कब हुई शुरूआत
नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे को लेकर बात करें, तो स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने सितंबर 2014 में नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे मनाने की शुरुआत की थी। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण भारत में बढ़ते हुए कैंसर के मामले थे। ऐसे में इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने और समय रहते इस गंभीर बीमारी को पकड़ने की जरूरत को समझने के लिए इस दिन की शुरूआत की गई।
नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे को नोबेल प्राइज पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी के बर्थडे पर मनाया जाता है। जिससे कि कैंसर से लड़ने में दिए गए बड़े योगदान को याद किया जा सके। इस दिन भारत में सरकारी अस्पतालों में और म्युनिसिपल क्लिनिक्स में लोगों का फ्री स्क्रीनिंग दी जाती है।
कैंसर का इलाज
कैंसर होने पर यदि इसके लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज संभंव हो जाता है। मरीज के शरीर में कैंसर कितना फैला है और किस स्टेज में है। इस बात पर ही इलाज निर्भर करता है।
कैंसर होने पर हार्मोन थेरेपी, इम्यूनो थेरेपी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी आदि इलाज किया जाता है।
कैंसर का इलाज इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज की सेहत कैसी और उसका पारिवारिक इतिहास कैसा है।
अगर इस गंभीर बीमारी को शुरूआत में ही पकड़ लिया जाता है, तो इसको आसानी से ठीक किया जा सकता है।
अन्य न्यूज़