विश्नविद्यालय परीक्षा विवाद पर बोली शिवसेना, राजनीतिक अहंकार को दरकिनार रखना चाहिए

Shiv Sena

शिवसेना ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने राज्य और देश के समक्ष अभूतपूर्व स्थिति पैदा की है। एक पीढ़ी के भविष्य पर ‘खतरे की तलवार’ लटकी है।

मुंबई। विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षा के मुद्दे पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और राज्य सरकार के बीच टकराव के मद्देनजर शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऐसे वक्त में जब देश कोविड-19 संकट का सामना कर रहा है तो राजनीतिक अहंकार को दरकिनार रखना चाहिए। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में विपक्षी दल भाजपा के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कोश्यारी को राज भवन के प्रवेश द्वार पर अक्सर मंडराने वाले ‘चक्रम बादलों’ से सतर्क रहना चाहिए। शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘संकट के समय में राजनीतिक अहंकार को दरकिनार रखना चाहिए।’’ 

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उसने कहा, ‘‘कोविड-19 वैश्विक महामारी ने राज्य और देश के समक्ष अभूतपूर्व स्थिति पैदा की है। एक पीढ़ी के भविष्य पर ‘खतरे की तलवार’ लटकी है। क्या उनकी जिंदगी खतरे में डालनी चाहिए या परीक्षाओं पर भ्रम की स्थिति स्पष्ट करने के लिए सर्वसम्मति से फैसला लेना चाहिए?’’ उसने कहा कि सरकार का अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने और पिछले सत्र के अंकों का मूल्यांकन करके औसत अंक देने के फैसले का ‘‘सभी ने स्वागत किया।’’ मराठी दैनिक अखबार ने कहा, ‘‘लेकिन विपक्षी दलों ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए फौरन राज्यपाल से मुलाकात की। राज्यपाल ने तुरंत सरकार को लिखा और कहा कि परीक्षाएं विश्वविद्यालय कानून के अनुसार आयोजित कराई जाएंगी।’’

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उसने कहा कि हम राज्यपाल के विवेक पर भरोसा करते हैं लेकिन कुछ चक्रम तूफान अक्सर राज भवन के प्रवेश द्वार पर आते हैं। राज्यपाल सज्जन व्यक्ति हैं और उन्हें ऐसे तूफानों से सतर्क रहना चाहिए वरना लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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