Alwar case | अलवर में 16 साल की लड़की के साथ नहीं हुआ रेप, फिर बच्ची के प्राइवेट में गहरे जख्म कहां से आये?
राजस्थान के अलवर में हुई मानसिक रूप कमजोर लड़की के साथ दरिंदगी मामले में पुलिस का दावा है कि बच्ची के साथ रेप नहीं हुआ हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि 20 मिनट नें आखिर बलात्कार कैसे हो सकता है?
जयपुर। राजस्थान के अलवर में हुई मानसिक रूप कमजोर लड़की के साथ दरिंदगी मामले में पुलिस का दावा है कि बच्ची के साथ रेप नहीं हुआ हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि 20 मिनट नें आखिर बलात्कार कैसे हो सकता है? पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि एक मेडिकल रिपोर्ट ने मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़की के साथ बलात्कार की आशंकाओं को दूर कर दिया है, जो अलवर जिले में अपने निजी अंगों पर चोटों के साथ व्यथित अवस्था में पाई गई थी। उन्होंने कहा कि ताजा निष्कर्षों से यह भी पता चला है कि नाबालिग लड़की ने अपने गांव से शहर की यात्रा खुद ही की थी। वह मंगलवार रात तिजारा फाटक के पास एक पुल पर खून से लथपथ अवस्था में मिली थी।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का ट्वीट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस विभाग को गहन जांच करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद अलवर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, लड़की का मलाशय विस्थापित हो गया और उसकी ढाई घंटे की सर्जरी हुई।
अलवर केस को पुलिस ने दिया नया रंग, नहीं हुआ बच्ची के साथ रेप
राजस्थान के अलवर जिले में घर से कुछ घंटे लापता रहने के बाद घायल अवस्था में मिली मानसिक रूप से कमजोरी बच्ची के संबंध में शुक्रवार को पुलिस ने बताया कि उसकी मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार या यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि पुलिस अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि बच्ची को इतनी चोटें कैसे आयी। पुलिस का कहना है कि बच्ची खुद अपने गांव से पहले शहर तक गयी और फिर तिजारा पुल पहुंची, जहां वह घायल अवस्था में मंगलवार को मिली।
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रेप नहीं हुआ तो बच्ची के प्राइवेट पार्ट में गहरे घाव कहा से आये?
अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने शुक्रवार को संवादाताओं से बातचीत में कहा कि मेडिकल विशेषज्ञों की टीम ने आज पुलिस को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें बच्ची के साथ बलात्कार की आशंका से इंकार किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चला है कि 14 वर्षीय बच्ची को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं। गौतम ने कहा कि अभी तक हमारे पास मौजूद तथ्यों, मेडिकल रिपोर्ट और टेकनिकल साक्ष्यों के आधार पर बच्ची के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं होती है। गौरतलब है कि बच्ची मंगलवार को अपने घर से घंटों लापता रहने के बाद घायल अवस्था में अलवर के तिजारा पुल के पास मिली।
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प्राइवेट पार्ट से बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही थी, घंटों चली बच्ची की सर्जरी: डॉक्टर
उसे तत्काल अलवर के एक अस्पताल में ले जाया गया जिसने उसे जयपुर के ज. के. लोन अस्पताल रेफर कर दिया, जहां बुधवार को डॉक्टरों ने उसकी लंबी और जटिल सर्जरी की। घटना सामने आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलवर की पुलिस अधीक्षक को तत्काल विशेष जांच दल गठित करने को कहा था। पुलिस ने शुरुआती जांच में आशंका जतायी थी कि यह बलात्कार का मामला हो सकता है लेकिन साथ मेडिकल रिपोर्ट आने पर इसके स्पष्ट होने की बात कही थी।
मूक-बाधिर मानसिक रूप से कमजोर बच्ची से हैवानियत
बच्ची के अपने गांव से तिजारा पुल तक पहुंचने के संबंध में पुलिस अधिकारी का कहना है कि वह ऑटो रिक्शा से गांव से 25 किलोमीटर दूर शहर और फिर तिजारा फाटक पुल पर पहुंची। उन्होंने कहा कि ऑटो में उसके यौन उत्पीड़न का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि शहर के विभिन्न इलाकों से एकत्र सीसीटीवी फुटेज में भी वह अकेली ही नजर आ रही है, उनमें कोई उसका पीछा करता हुआ भी नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि फुटेज लड़की पैदल चलती दिख रही है, उसके शरीर पर कोई चोट नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जा रही है कि आखिर तक स्वस्थ चलती हुई दिख रही बच्ची को इतनी गंभीर चोटें कैसे लगीं।
गौतम ने बताया, ‘‘नाबालिग ने जिस ऑटो रिक्शा में 8-10 अन्य यात्रियों के साथ यात्रा की थी उसकी पता लग गया है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों को उस ऑटो में कुछ संदिग्ध नहीं मिला है। ऑटो चालक से पूछताछ की गई है, यात्रियों से भी पूछताछ की जायेगी।’’ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत लगातार मामले की निगरानी कर रहे हैं और मामले की विस्तृत तथा गहन जांच का निर्देश दिया है।
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