Prabhasakshi NewsRoom: China को खरी खरी सुना कर US के अहम दौरे के लिए रवाना हुए PM Modi

narendra modi
ANI

प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे पर दुनिया भर की सरकारों की नजरें भी टिकी हैं। इस बीच अमेरिका में रह रहे भारतीय भी प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उन्होंने अपने प्रिय नेता के भव्य स्वागत के लिए तमाम तैयारियां की हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह अमेरिका के पहले राजकीय दौरे पर रवाना हो गये। अमेरिका के बाद प्रधानमंत्री मिस्र का भी दौरा करेंगे। मंगलवार सुबह अमेरिका रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका और मिस्र की अपनी यात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने चीन को खरी-खरी भी सुनाई। दूसरी ओर अमेरिका दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। हम आपको याद दिला दें कि आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने हाल ही में मोदी को बॉस बताया था और खुद बाइडन ने भी कहा था कि अमेरिका में बड़े से बड़े लोग मोदी के सम्मान में दिये जा रहे रात्रिभोज में भाग लेने के लिए बेताब हैं। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री का यह अमेरिका दौरा भारत के लिए काफी उपलब्धियां लेकर आयेगा। देखा जाये तो प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे पर दुनिया भर की सरकारों की नजरें टिकी हैं। इस बीच, अमेरिका में रह रहे भारतीय भी प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उन्होंने अपने प्रिय नेता के भव्य स्वागत के लिए तमाम तैयारियां की हैं।

चीन पर प्रधानमंत्री का बयान

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता आवश्यक है। अपने अमेरिका दौरे की शुरुआत से पहले 'वाल स्ट्रीट जर्नल' को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है।" उन्होंने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता आवश्यक है। हम आपको याद दिला दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को भारत और चीनी सेनाओं के बीच संघर्ष हो गया था। यह पिछले पांच दशक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस तरह का पहला संघर्ष था और इससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया था।

यूक्रेन-रूस युद्ध पर बयान

यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को लेकर भारत की भूमिका से जुड़े एक सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान शांति के पक्ष में है। उन्होंने कहा, "सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों को 'कूटनीति और बातचीत' के जरिए हल किया जाना चाहिए, युद्ध के साथ नहीं।" उन्होंने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं। लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्ष में हैं। दुनिया को पूरा विश्वास है कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है।" मोदी ने कहा कि संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत जो कुछ भी कर सकता है वह करेगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करता है।

भारत-अमेरिका संबंधों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच 'अभूतपूर्व विश्वास' है। उन्होंने कहा, "भारत एक उच्च, गहरी और व्यापक प्रोफ़ाइल और एक विस्तृत भूमिका का हकदार है। हम भारत को किसी देश की जगह लेने वाले के रूप में नहीं देखते हैं। हम इस प्रक्रिया को भारत को दुनिया में अपना सही स्थान हासिल करने के रूप में देखते हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है और यही कारण है कि उनकी विचार प्रक्रिया, उनका आचरण या फिर वह जो कहते और करते हैं, वह देश की विशेषताओं और परंपराओं से प्रेरित और प्रभावित है। उन्होंने कहा, "मुझे इससे अपनी ताकत मिलती है। मैं अपने देश को दुनिया के सामने वैसे ही पेश करता हूं जैसा मेरा देश है, और खुद को भी, जैसा मैं हूं।"

अमेरिका यात्रा पर प्रधानमंत्री का बयान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका की उनकी यात्रा भारत-अमेरिका साझेदारी की गहराई एवं विविधता को समृद्ध करने का एक अवसर होगी और दोनों देश मिलकर साझा वैश्विक चुनौतियों का अधिक मजबूती से सामना कर सकते हैं। मोदी ने अमेरिका और मिस्र की अपनी यात्रा से पहले जारी एक बयान में कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं और यह ‘‘विशेष निमंत्रण’’ दर्शाता है कि दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच यह साझेदारी कितनी अहम एवं मजबूत है।

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मोदी ने रवाना होने से पहले जारी बयान में कहा कि राष्ट्रपति बाइडन और अन्य वरिष्ठ अमेरिकी नेताओं के साथ उनकी बातचीत द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ जी20, क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) और आईपीईएफ (समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं न्यूयॉर्क से अपनी यात्रा शुरू करूंगा, जहां मैं संयुक्त राष्ट्र नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाऊंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता देने संबंधी दिसंबर 2014 के भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने से जुड़े स्थान पर इस विशेष आयोजन को लेकर उत्साहित हूं।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इसके बाद वह वॉशिंगटन डी.सी. जाएंगे। उन्होंने कहा कि सितंबर 2021 में उनकी अमेरिका की पिछली आधिकारिक यात्रा के बाद से उन्हें और राष्ट्रपति बाइडन को कई बार मिलने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘यह यात्रा हमारी साझेदारी की गहराई एवं विविधता को समृद्ध करने का एक अवसर होगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध बहुआयामी हैं और दोनों देशों के बीच हर क्षेत्र में सहयोग गहरा हुआ है। उन्होंने कहा कि अमेरिका वस्तु और सेवाओं के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और दोनों देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में निकटता से सहयोग करते हैं। मोदी ने कहा कि ‘अहम एवं उभरती प्रौद्योगिकियों’ संबंधी पहल ने रक्षा औद्योगिक सहयोग, अंतरिक्ष, दूरसंचार, क्वांटम, कृत्रिम मेधा और बायोटेक क्षेत्रों में सहयोग को व्यापक बनाया है और इनमें नए आयाम जोड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों देश मुक्त, खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत को लेकर साझा नजरिए की दिशा में भी मिलकर काम कर रहे हैं।’’

मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि अमेरिका में उन्हें कारोबारी नेताओं से मुलाकात करने, भारतीय समुदाय से संवाद करने और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से मिलने का भी अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम व्यापार, वाणिज्य, नवोन्मेष, प्रौद्योगिकी और इस प्रकार के अन्य अहम क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के संबंधों को और गहरा करना चाहते हैं।’’ मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला एवं अन्य कई गणमान्य हस्तियों के साथ राजकीय भोज में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी संसद ने भारत और अमेरिका के संबंधों को हमेशा मजबूत द्विदलीय समर्थन दिया है। उन्होंने बताया कि वह इस यात्रा के दौरान सांसदों के निमंत्रण पर अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे दोनों देशों के बीच विश्वास कायम करने में लोगों के बीच मजबूत आपसी संबंध अहम रहे हैं। मैं हमारे सर्वोत्तम समाजों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऊर्जावान भारतीय-अमेरिकी समुदाय के साथ मुलाकात को लेकर उत्साहित हूं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘मैं हमारे व्यापारिक और निवेश संबंधों को बढ़ाने और लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण के अवसरों पर चर्चा करने के लिए कुछ प्रमुख मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से भी मिलूंगा।’’ उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अमेरिका की उनकी यात्रा लोकतंत्र, विविधता और स्वतंत्रता के साझा मूल्यों पर आधारित दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी। उन्होंने बयान में कहा, ‘‘हम साझा वैश्विक चुनौतियों का मिलकर सामना कर सकते हैं।’’ 

मिस्र यात्रा पर बयान

प्रधानमंत्री ने बताया कि वह अमेरिका की यात्रा के बाद मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर काहिरा की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक करीबी और मित्र देश का पहला राजकीय दौरा करने को लेकर उत्साहित हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस वर्ष हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति सीसी का स्वागत कर बहुत खुशी हुई। कुछ महीनों के अंतराल में ये दो यात्राएं मिस्र के साथ तेजी से विकसित हो रही हमारी साझेदारी का प्रतिबिंब हैं, जिसे राष्ट्रपति सीसी की यात्रा के दौरान ‘रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में उन्नत किया गया था।’’ मोदी ने कहा, ‘‘मैं हमारी सभ्यतागत और बहुआयामी साझेदारी को और गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति सीसी और मिस्र सरकार के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे मिस्र में ऊर्जावान भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करने का भी अवसर मिलेगा।''

मोदी की यात्रा का प्रमुख एजेंडा

जहां तक प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के प्रमुख एजेंडे की बात है तो आपको बता दें कि इस दौरान दोनों पक्षों के बीच रक्षा सह उत्पादन, सह विकास में करीबी सहयोग के लिए ‘रक्षा औद्योगिक सहयोग का खाका’ पेश होने तथा उभरते एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहित कई अहम क्षेत्रों में सहयोग के ठोस परिणाम सामने आने की उम्मीद है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान ‘रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप’, उभरते एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग तथा दूरसंचार, अंतरिक्ष, विनिर्माण क्षेत्र में संबंधों को विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। क्वात्रा ने कहा, ‘‘अगर आप भारत-अमेरिका रक्षा गठजोड़ के परिदृश्य को देखें तब यह काफी मजबूत एवं विविधतापूर्ण है। इसमें ऐसे सभी तत्व हैं जो इसे काफी महत्वपूर्ण बनाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसमें रक्षा सह उत्पादन और सह विकास से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा हो सकती है। क्वात्रा ने कहा, ''दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर अनेक अभ्यास हुए हैं, इसमें कुछ द्विपक्षीय और कुछ क्षेत्रीय प्रकृति के रहे हैं। सशस्त्र बलों के बीच भी स्टाफ स्तर पर संपर्क हैं। भारत ने अमेरिकी उपकरणों की तैनाती की है और इनका उपयोग किया जा रहा है।’’

क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा का एक महत्वपूर्ण आयाम प्रौद्योगिकी से जुड़ा है और इसमें दूरसंचार क्षेत्र, अंतरिक्ष क्षेत्र, विनिर्माण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उभरता और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र अहम है जो आने वाले समय में हमारे संबंधों को और विस्तार देगा।’’ विदेश सचिव ने कहा कि इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच रक्षा औद्योगिकी सहयोग रोडमैप में प्रगति महत्वपूर्ण होगी जिस पर काफी समय से चर्चा चल रही है। कारोबार एवं आर्थिक सहयोग का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ मजबूत कारोबार एवं औद्योगिकी गठजोड़ है।

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