मोदी मोदी के नारों से गूँज उठा Bangkok का आसमान, Indian PM ने जीता Thailand के लोगों का दिल, Thai PM Paetongtarn Shinawatra भी बेहद खुश नजर आईं

हम आपको बता दें कि यह 2018 में नेपाल के काठमांडू में चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद बिम्सटेक नेताओं की प्रत्यक्ष रूप से पहली बैठक होगी। पिछला शिखर सम्मेलन मार्च 2022 में कोलंबो में वीडियो कॉन्फ्रेंस प्रारूप में आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर थाईलैंड पहुंचे, जहां उपप्रधानमंत्री सूर्या जुंगरुंगरींगकिट ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। बैंकॉक के डॉन मुआंग हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री के आगमन पर सिख समुदाय के लोगों ने भांगड़ा किया। इस दौरान बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बैंकॉक के गवर्नमेंट हाउस में थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनवात्रा ने स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहां औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में थाई प्रधानमंत्री शिनावात्रा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और थाईलैंड की प्रधानमंत्री की मौजूदगी में भारत और थाईलैंड ने MoUs का आदान-प्रदान किया। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस खूबसूरत स्वर्ण-भूमि में मेरे और मेरे डेलीगेशन के गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य-सत्कार के लिए मैं प्रधानमंत्री शिनावात्रा का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। उन्होंने कहा कि भारत और थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं। मोदी ने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे जन-जन को जोड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं थाईलैंड सरकार का आभारी हूँ कि मेरी यात्रा के उप्लक्ष्य में 18वी शताब्दी की ‘रामायण’ म्यूरल पेंटिंग्स पर आधारित एक विशेष डाक-टिकट जारी किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 28 मार्च को आए भूकंप में हुई जनहानि के लिए मैं भारत के लोगों की ओर से गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि हम घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री शिनावात्रा ने अभी मुझे त्रिपिटक भेंट की। बुद्ध-भूमि भारत की ओर से मैंने इसे हाथ जोड़ कर स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि भारत की ‘Act East’ पॉलिसी और हमारे Indo-Pacific विजन में थाईलैंड का विशेष स्थान है। आज हमने अपने संबंधों को स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का रूप देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के बीच ‘स्ट्रैटेजिक डायलॉग’ स्थापित करने पर भी हमने चर्चा की है। उन्होंने कहा कि हमने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और थाईलैंड के बीच tourism, culture, education क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपसी व्यापार, निवेश और businesses के बीच आदान प्रदान बढ़ाने पर हमने बात की। उन्होंने कहा कि MSME, handloom और handicraft में भी सहयोग के लिए समझौते किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ASEAN unity और ASEAN Centrality का पूर्ण समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि Indo-Pacific में, Free, open, inclusive and rule-based order का हम दोनों समर्थन करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम विस्तार-वाद नहीं, विकास-वाद की नीति में विश्वास रखते हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे जन-जन को जोड़ा है। अयुत्थया से नालंदा तक विद्वानों का आदान-प्रदान हुआ है। रामायण की कथा थाई लोक-जीवन में रची-बसी है और, संस्कृत-पाली के प्रभाव आज भी भाषाओं और परंपराओं में झलकते हैं।
हम आपको यह भी बता दें कि आज शाम प्रधानमंत्री की मौजूदगी में थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमा और भूटान के बिम्सटेक नेताओं के साथ समुद्री सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोदी नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस और म्यांमा के सैन्य नेता मिन आंग हलिंग सहित अन्य लोगों से मुलाकात करेंगे। हम आपको बता दें कि यह 2018 में नेपाल के काठमांडू में चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद बिम्सटेक नेताओं की प्रत्यक्ष रूप से पहली बैठक होगी। पिछला शिखर सम्मेलन मार्च 2022 में कोलंबो में वीडियो कॉन्फ्रेंस प्रारूप में आयोजित किया गया था। मोदी शुक्रवार को थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न (जिन्हें रामा दसवें के नाम से भी जाना जाता है) और रानी सुथिदा से भी मुलाकात करेंगे। मोदी और थाईलैंड की प्रधानमंत्री शिनावात्रा वाट फो का दौरा करेंगे जो थाईलैंड के शीर्ष छह मंदिरों में से एक है। यह जगह लेटे हुए बुद्ध की विशाल प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। हम आपको बता दें कि लेटे हुए बुद्ध की विशाल प्रतिमा के अलावा, यह मंदिर अपने चारों ओर मौजूद बुद्ध की असंख्य प्रतिमाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। यह थाईलैंड में सार्वजनिक शिक्षा के लिए पहला केंद्र था, जहां विज्ञान, धर्म और साहित्य के पाठ्यक्रम उपलब्ध थे।
वहीं भारत से थाईलैंड के लिए प्रस्थान करते समय अपने वक्तव्य में मोदी ने बिम्सटेक को पिछले दशक में बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास, संपर्क और आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण ‘बिम्सटेक’ के केंद्र में है। उन्होंने कहा, ‘‘अपने लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए, मैं बिम्सटेक देशों के नेताओं से मिलने तथा हमारे सहयोग को और मजबूत करने के लिए उत्सुक हूं।''
प्रधानमंत्री शुक्रवार सुबह बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां समूह द्वारा ‘बैंकॉक विजन 2030’ को स्वीकार किए जाने की संभावना है। थाईलैंड सरकार में विदेश मामलों की स्थायी सचिव एक्सिरी पिंटारुची ने कहा है कि ‘सक्रिय, लचीला और खुला बिम्सटेक’ विषय, इस क्षेत्रीय समूह की थाईलैंड की अध्यक्षता का मुख्य आकर्षण है। हम आपको बता दें कि ‘विजन’ दस्तावेज का उद्देश्य बिम्सटेक सहयोग के लिए स्पष्ट दिशा और लक्ष्य निर्धारित करना, इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं की पहचान करना, बिम्सटेक को शांति, स्थिरता और आर्थिक स्थिरता के क्षेत्र के रूप में बढ़ावा देना तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने को लेकर सहयोग बढ़ाना है। हम आपको बता दें कि थाईलैंड की यात्रा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री श्रीलंका जाएंगे, जो देश में नए राष्ट्रपति के चुनाव के बाद उनकी पहली यात्रा होगी।
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