अभिषेक शर्मा ने खुद ही खोला मिस्ट्री पर्ची का राज, बताया कब और क्यों लिखा था?

अभिषेक ने शनिवार को हैदराबाद के मैदान पर 55 गेंदों में 14 चौकों और 10 छक्कों की मदद से 141 रनों की पारी खेली। उन्होंने महज 40 गेंदों में शतक कंप्लीट कर लिया था। अभिषेक ने सेंचुरी सेलिब्रेशन के दौरान एक पर्ची जेब से निकालकर दिखाई थी, जिसकी काफी चर्चा हो रही। उन्होंने खुद ही मिस्ट्री पर्ची का राज खोला है।
अभिषेक शर्मा ने आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स के खिलाफ सनराइजर्स हैदराबाद को 8 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिलाई। एसआरएच ने 246 रनों का टारगेट 9 गेंद बाकी रहते चेज किया। ये आईपीएल में लक्ष्य का पीछा करते हुए दूसरी सबसे बड़ी जीत है। एसआरएच के सलामी बल्लेबाज अभिषेक ने शनिवार को हैदराबाद के मैदान पर 55 गेंदों में 14 चौकों और 10 छक्कों की मदद से 141 रनों की पारी खेली। उन्होंने महज 40 गेंदों में शतक कंप्लीट कर लिया था। अभिषेक ने सेंचुरी सेलिब्रेशन के दौरान एक पर्ची जेब से निकालकर दिखाई थी, जिसकी काफी चर्चा हो रही। उन्होंने खुद ही मिस्ट्री पर्ची का राज खोला है।
अभिषेक की पर्ची पर लिखा था कि, ये पारी ऑरेंज आर्मी को समर्पित है। बता दें कि, अभिषेक मौजूदा सीजन में पांच मैचों में कोई खास धमाल नहीं मचा पाए थे लेकिन छठे मुकाबले में गर्दा उड़ा दिया। उन्हें हैदराबाद वर्सेस पंजाब मैच से पहले चार दिनों तक बुखार से जूझना पड़ा। एसआरआच को पीबीकेएस मैच से पहले 6 दिन का ब्रेक मिला था। अभिषेक ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, ईमानदारी से कहूं तो जब भी मैं सुबह जागता हूं तो कुछ ना कुछ लिखता हूं। आज मेरे मन में ऐसा ही विचार आया कि अगर मैं कुछ खास करता हूं तो उसे ऑरेंज आर्मी को समर्पित करूंगा। सौभाग्य से आज का दिन मेरा था।
अभिषेख के साथ ही बताया कि जब वह रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तो पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह और स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव लगातार उनका हौसला बढ़ा रहे थे। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं चार दिन से बीमार था। मुझे बुखार था लेकिन मैं खुशनसीब हूं कि मेरे आस-पास युवराज सिंह और सूर्यकुमार जैसे लोगो हैं जो लगातार फोन करके मेरा हौसला बढ़ाते रहे। 24 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि, क्योंकि वे जानते हैं कि मैं इस तरह की पारी खेल सकता हूं लेकिन जब आप रन नहीं बना पा रहे होते तो आप खुद पर संदेह करने लग जाते हो। लेकिन उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा था और जब आपके आसपास आप पर भरोसा करने वाले लोग होते हैं तो आप भी खुद पर विश्वास करना शुरू कर देते हैं। इसलिए ये मेरे लिए केवल एक पारी की बात थी।
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