'विकास का नया अध्याय गढ़ेगा भारत', PM Modi बोले- पिछले दस साल तो ‘एपेटाइजर’ रहे, ‘मेन कोर्स’ तो अब शुरू हुआ है
मोदी ने कहा कि एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मोहर है ही लेकिन इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है।
राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को ‘ऑटो पायलट’ पर सरकार चलाने की आदत रही है, लेकिन हम परिश्रम में विश्वास रखते हैं। हम आने वाले सालों में विकास कार्यों की गति और विस्तार बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल तो हमारे लिए ‘एपेटाइजर’ रहे, ‘मेन कोर्स’ तो अब शुरू हुआ है। मोदी ने कहा कि हम भारत में विकास का नया अध्याय गढ़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपी समेत किसानों को लाभ पहुंचाने की दिशा में हमने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
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विपक्ष पर वार करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में किसानों की कर्जमाफी के बहुत ढोल पीटे गए और उन्हें गुमराह करने का भरसक प्रयास किया गया, उनकी इस योजना का लाभ जरूरतमंद एवं छोटे गरीब किसानों तक पहुंचा ही नहीं। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में हम किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेरे देश के लोगों ने Performance को प्राथमिकता दी है। मेरे देश की जनता ने 'भ्रम की राजनीति' को नकार दिया है। मेरे देश की जनता ने 'भरोसे की राजनीति' पर जीत की मुहर लगा दी है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है, फिर संविधान दिवस क्यों लाएं? उन्होंने कहा कि आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा हो।
मोदी ने कहा कि एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मोहर है ही लेकिन इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है। क्योंकि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण उन्होंने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है।
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उन्होंने कहा कि जब हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे तो निश्चित रूप से न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में हर पहलू पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हम वैश्विक मानचित्र पर भारतीय कंपनियों, स्टार्टअप और उद्योगों के अद्वितीय उद्भव की कल्पना करते हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमारे टियर-2 और टियर-3 शहर हमारे तीसरे कार्यकाल में विकास इंजन के रूप में एक महान भूमिका निभाएंगे। मोदी ने कहा कि जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा... ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं।
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