'9 साल में बिचौलियों का राज हुआ खत्म', सहकारिता सम्मेलन में बोले PM Modi- सरकार-सहकार मिलकर भारत को मजबूत करेंगे

PM Modi cooperative conference
ANI
अंकित सिंह । Jul 1 2023 12:12PM

नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमनें सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है। मैंने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी का प्रयास आवश्यक है और सहकार की भावना भी तो सभी के प्रयास का ही संदेश देती है। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि आज, अगर हम दुनिया में दूध के सबसे बड़े उत्पादक हैं, तो इसका श्रेय डेयरी सहकारी समितियों को दिया जा सकता है। यदि भारत चीनी के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, तो इसका श्रेय सहकारी समितियों को भी दिया जा सकता है।

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सहकारिता को बड़ी ताकत दी

नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमनें सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि आज को-ऑपरेटिव को वैसी ही सुविधाएं, वैसे ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे कार्पोरेट सेक्टर को मिलते हैं। सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है।


9 वर्षों में स्थिति बदली

मोदी ने कहा कि 2014 से पहले अक्सर किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी बहुत मिलती भी थी वो बिचौलियों के खातों में जाती थी। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे और मध्यम किसान वंचित ही रहते थे। लेकिन पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है। उन्होंने कहा कि आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है। सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंक को भी मजबूती दी है। सहकारी बैंक के लिए नियमों को आसान बनाया गया है

प्रधानमंत्री मे कहा कि बीते 4 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। ये रकम कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 से पहले के 5 वर्षों का कुल कृषि बजट ही मिलाकर 90 हजार करोड़ रुपये से कम था। यानि तब पूरे देश की कृषि व्यवस्था पर जितना खर्च तब हुआ, उसका लगभग 3 गुना हम केवल किसान सम्मान निधि पर खर्च कर चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया में निरंतर महंगी होती खादों और केमिकल का बोझ किसानों पर न पड़े, इसकी भी गारंटी केंद्र की भाजपा सरकार ने आपको दी है।

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अमित शाह ने क्या कहा

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन हमारे देश में लगभग 115 वर्ष पुराना है। आजादी के बाद से सहकारिता क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग थी कि सहकारिता मंत्रालय को अलग बनाया जाए। मैं सहकारिता के साथियों से कहना चाहता हूं कि इस आंदोलन ने देश को अब तक बहुत कुछ दिया है। इस सदी में हमनें ढ़ेर सारी उपलब्धियां प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण की अर्थव्यवस्था में लगभग 29% हिस्सा सहकारी आंदोलन का है। उर्वरक वितरण में 35%, उर्वरक उत्पादन में 25%, चीनी उत्पादन में 35% से अधिक, दूध की खरीद, बिक्री और उत्पादन में सहकारिता का हिस्सा 15% को छू रहा है। मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता के क्षेत्र में कईं सारे initiative हमनें लिए हैं। सबसे पहले संवैधानिक ढांचे के भीतर राज्य और केंद्र के अधिकारों में खलल डाले बगैर सहकारिता कानून में एक समानता लाने का प्रयास  नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है।

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