नेशनल डॉक्टर्स डे पर बोले PM मोदी, कोरोना काल में डॉक्टरों की सेवा बेमिसाल, संक्रमण से रिकवरी में योग मददगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डॉक्टर्स को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है। तो ऐसे ही नहीं कहा जाता। जिनका जीवन में संकट में पड़ा होगा। किसी बीमारी या दुर्घटना का शिकार हुआ होगा। तब डॉक्टर्स ऐसे मौके पर एक नया जीवन दे देते हैं।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर डॉक्टरों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारे डॉक्टरों ने जिस तरह से देश की सेवा की है, वह अपने आप में एक मिसाल है। मैं 130 करोड़ भारतीयों के सभी डॉक्टरों का आभार व्यक्त करता हूं।
इसे भी पढ़ें: जयपुर के SMS अस्पताल में चिकित्सकों के सम्मान में बनेगा डॉक्टर्स मेमोरियल
उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है। तो ऐसे ही नहीं कहा जाता। जिनका जीवन में संकट में पड़ा होगा। किसी बीमारी या दुर्घटना का शिकार हुआ होगा। तब डॉक्टर्स ऐसे मौके पर एक नया जीवन दे देते हैं। उन्होंने कहा कि देश कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ रहा है। ऐसे समय पर डॉक्टर्स ने दिन-रात मेहनत करते हुए लाखों लोगों की जान बचाई है। यह पुण्य कार्य करते हुए देश के काई डॉक्टर्स ने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। इस बीच पीएम मोदी ने जान गंवाने वाले डॉक्टरों को श्रद्धांजलि दी।
स्वास्थ्य बजट को किया दोगुना !
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल हेल्थ सेक्टर के लिए बजट का आवंटन दोगुने से भी ज्यादा यानि दो लाख करोड़ रुपए से भी अधिक किया गया। अब हम ऐसे क्षेत्रों में स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए की एक क्रेडिट गारंटी योजना लेकर आए हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।
इसे भी पढ़ें: PM मोदी से सीधे टक्कर लेने की तैयारी में हैं प्रियंका गांधी ! इन रणनीतियों पर हो रहा काम
उन्होंने बताया कि 2014 तक जहां देश में केवल 6 एम्स थे, इन 7 सालों में 15 नए एम्स का काम शुरू हुआ है। मेडिकल कॉलेजेज़ की संख्या भी करीब डेढ़ गुना बढ़ी है। इसी का परिणाम है कि इतने कम समय में जहां अंडरग्रेजुएट सीट्स में डेढ़ गुने से ज्यादा की वृद्धि हुई है, पीजी सीट्स में 80 फीसदी इजाफा हुआ है।
इसी बीच पीएम मोदी ने योग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक और अच्छी चीज हमने देखी है कि मेडिकल फ्रेटर्निटी के लोग, योग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बहुत आगे आए हैं। योग को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए जो काम आजादी के बाद पिछली शताब्दी में किया जाना चाहिए था, वो अब हो रहा है।
यहां सुने पूरा संबोधन:
अन्य न्यूज़