शाह-राजनाथ और डोभाल संग PM की 2 घंटे तक मीटिंग, ड्रोन अटैक की पूरी ब्रीफिंग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाई लेवल मीटिंग में रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों और हमारे सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने पर चर्चा हुई।
जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से हुए हमले के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की है। इस मीटिंग में गृह मंत्री, रक्षा मंत्री भी शामिल हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल के साथ उच्च स्तरीय बैठक दो घंटे तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों और हमारे सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने पर चर्चा हुई। इस मीटिंग से पहले वायुसेना चीफ आरकेएस भदौरिया ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जम्मू ड्रोन अटैक की पूरी डिटेल्स दी।
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उभरते सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए जल्द नीति तैयार करेगा भारत
बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी। जम्मू में भारतीय वायु सेना केंद्र पर ड्रोनों से विस्फोटक गिराये जाने की घटना के दो दिन बाद यह बैठक हुई है। यह संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठान पर ड्रोन से हमला किये जाने का पहला मामला था। बैठक के बाद एक सूत्र ने कहा, ‘‘सरकार उभरती चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए एक नीति तैयार कर रही है। नीति बनाने का काम तेजी से करने का फैसला किया गया।’’ अनेक मंत्रालय तथा विभाग देश के सामने उभरती नयी तथा गैर-परंपरागत सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला प्रभावी तरीके से करने की दिशा में काम कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तीनों सेनाएं नीति बनाने तथा सभी प्रमुख हितधारकों एवं सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए इनके क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएंगी। समझा जाता है कि तीनों सेनाओं को ड्रोन हमले जैसी नये युग की चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने में अंतरालों को पाटने पर पर्याप्त ध्यान केंद्रित करने और आवश्यक साजो-सामान खरीदने के लिए कहा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरण प्रदान करने तथा इस क्षेत्र में और अधिक युवाओं, स्टार्ट-अप एवं रणनीतिक समुदाय को जोड़ने समेत अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गयी। सेना पहले ही भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), संज्ञानात्मक विज्ञान, रोबोटिक्स, ड्रोन, क्वांटम कम्प्यूटिंग, नैनो टेक्नोलॉजी तथा साइबर क्षमताओं पर काम कर रही हैं। जानकारों ने बताया कि तीनों सेनाओं तथा प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों की अगले कुछ सप्ताहों और महीनों में श्रृंखलाबद्ध बैठकें होंगी, ताकि नीति बनाने पर काम तेज किया जा सके। उन्होंने कहा कि सेनाओं को ड्रोन हमलों से निपटने के लिए ड्रोन-रोधी तकनीक हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। जम्मू हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने सभी ठिकानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में दुश्मन ड्रोनों को मार गिराने के लिए ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी विकसित की है। इस दायरे को बढ़ाने पर और अनुसंधान होने की संभावना है। जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हमले के एक दिन बाद चौकन्ने जवानों ने जम्मू में रत्नुचक-कालूचक सैन्य स्टेशन पर ड्रोनों से निशाना साधने के ताजा प्रयासों को नाकाम कर दिया।
NIA ने संभाली ड्रोन हमले के मामले में जांच
जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायु सेना स्टेशन पर हाल ही में हुए ड्रोन हमले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने संभाल ली। भारतीय वायुसेना स्टेशन पर रविवार तड़के हुए अपनी तरह के ऐसे पहले आतंकवादी हमले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला गृह मंत्रालय ने किया। गृह मंत्रालय के आदेश के अनुरूप एनआईए ने कहा कि उसने 27 जून की तारीख में सतवारी थाने में पुन: मामला पंजीकृत किया है। एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए जम्मू में विस्फोटक तत्व अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की अनेक धाराओं तथाभारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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गौरतलब है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमले की कोशिश हुई थी, उसके बाद जम्मू के कानूचक में भी ड्रोन्स दिखाई दिए थे। अब एक बार फिर ड्रोन्स देखे जाने का दावा स्थानीय लोगों के द्वारा किया गया। हालांकि इसकी पुष्टि अभी सेना के किसी अधिकारी द्वारा नहीं की गई है। ऐसे हालात में प्रधानमंत्री की ये हाई लेवल मीटिंग बेहद अहम मानी जा रही है।
भारत ने संयक्त राष्ट्र में उठाया ड्रोन हमले का मुद्दा
भारत ने जम्मू हवाईअड्डे पर विस्फोटकों से भरे दो ड्रोनों के भारतीय वायुसेना (आईएएफ) स्टेशन में दुर्घटनाग्रस्त होने के दो दिन बाद संयक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि सामरिक एवं व्यावसायिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियारों के रूप में ड्रोनों के प्रयोग की आशंका पर वैश्विक समुदाय को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।
PM holds high-level meeting with Defence Minister Rajnath Singh, Union Home Minister Amit Shah and NSA Ajit Doval, discussions held on futuristic challenges in the defence sector & equipping our forces with modern equipment: Sources
— ANI (@ANI) June 29, 2021
(File photos) pic.twitter.com/hkM6aJhq8M
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