स्कूलों की फीस में वृद्धि के विरोध में अभिभावकों ने ‘जूते पॉलिश’ कर विरोध प्रदर्शन किया
अभिभावकों का कहना है कि महंगाई के कारण घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में बढ़ी हुई फीस कैसे दें। अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन निजी स्कूलों की मनमानी रोकने में नाकाम हैं।
नोएडा| उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर में निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी से अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गई है और रविवार को नेफोवा तथा एनसीआर अभिभावक संघ के बैनर तले अभिभावकों ने ग्रेटर नोएडा में ‘जूते पॉलिश’ कर विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने जूते पॉलिश कर चंदा भी एकत्र किया।
अभिभावकों का कहना है कि महंगाई के कारण घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में बढ़ी हुई फीस कैसे दें। अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन निजी स्कूलों की मनमानी रोकने में नाकाम हैं।
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया, ‘‘स्कूलों की मनमानी बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से अभिभावक परेशान हैं। महामारी में कई राज्यों में निजी स्कूलों ने फीस माफ कर दी है। कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में भी ऐसी ही अपेक्षा थी। ऑनलाइन कक्षाएं चलने के बावजूद अभिभावकों से पूरी फीस वसूली गई।’’
उधर, एनसीआर अभिभावक संघ के अध्यक्ष सुखपाल सिंह तूर और महासचिव विकास कटियार ने बताया कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है, जो स्कूलों के खिलाफ सख्ती नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले घोषणा की गई थी कि इस साल स्कूल फीस नहीं बढ़ेगी, फिर अब फीस बढ़ाने की मंजूरी क्यों दे दी गई।
उन्होंने बताया कि कुछ स्कूलों ने बिल्डिंग शुल्क को भी ट्यूशन फीस में जोड़कर फीस में वृद्धि कर दी है और महंगाई की मार के कारण आम आदमी के घर का बजट बिगड़ चुका है और अब बच्चों की फीस में बढ़ोतरी ने अभिभावकों की कमर ही तोड़ दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि बढ़ी हुई फीस वापस ली जाए।
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