परमबीर सिंह के पत्र से महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय की छवि को पहुंचा नुकसान: शिवसेना
शिवसेना ने कहा, परमबीर सिंह के पत्र से महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय की छवि को नुकसान पहुंचा है।शिवसेना ने यह भी कहा कि यह मुद्दा पार्टी नीत सरकार के लिए ‘‘प्रतिष्ठा का प्रश्न’’बन गया है। गौरतलब है कि शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक दिन पहले देशमुख के इस्तीफे की संभावना से इनकार कर दिया था।
मुंबई। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के पास ‘‘अच्छा खासा’’ बहुमत है और महज ‘‘एक अधिकारी’’ के कारण सरकार नहीं गिरेगी। हालांकि दल ने यह माना कि मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह के राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए आरोपों की वजह से मंत्रालय की छवि खराब हुई है। शिवसेना ने यह भी कहा कि यह मुद्दा पार्टी नीत सरकार के लिए ‘‘प्रतिष्ठा का प्रश्न’’ बन गया है। गौरतलब है कि शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक दिन पहले देशमुख के इस्तीफे की संभावना से इनकार कर दिया था। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में पार्टी ने कहा कि एमवीए सरकार को प्राप्त बहुमत को यदि भाजपा कमतर करने के प्रयास करेगी तो इससे आग भड़क जाएगी।
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एमवीए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर दावा किया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रूपये की मासिक वसूली करने को कहा है। इस पत्र के बाद राज्य में सियासी तूफान आ गया था। सिंह को हाल में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया। शिवसेना ने कहा कि सिंह के पत्र को लेकर भाजपा जो हंगामा कर रही है उससे ऐसा लगता है कि यह किसी साजिश का हिस्सा है। उसने कहा कि पिछले हफ्ते विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी जिसके बाद सिंह का यह पत्र सामने आया है। इसमें कहा गया, ‘‘ऐसा लगता है कि भाजपा का महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था का हवाला देकर राष्ट्रपति शासन लगाने का उद्देश्य है। इसके लिए नए प्यादे खड़े किए जा रहे हैं, यह साफ है कि सिंह का भी इसी तरह से इस्तेमाल हुआ है।’’ संपादकीय में कहा गया कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर खड़े एक वाहन से विस्फोटकमिलने की घटना के बाद भाजपा सिंह के निलंबन की मांग कर रही थी। लेकिन अब ऐसा लगता है कि वह विपक्षी दल के ‘‘प्रिय’’ हो गए हैं और अब वह बंदूक सिंह के कंधे पर रखकर चला रही है। इसमें कहा गया, ‘‘यह (पूरी परिस्थितियां) सरकार की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।
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एमवीए के पास आज भी अच्छा खासा बहुमत है। आप बहुमत को कमजोर करने का प्रयास करेंगे तो आग भड़केगी। यह कोई चेतावनी नहीं बल्कि एक तथ्य है। विपक्ष को यह नहीं भूलना चाहिए कि एक अधिकारी की वजह से सरकारें बनती या गिरती नहीं हैं।’’ पार्टी ने कहा कि सिंह ने पत्र में देशमुख पर आरोप लगाए लेकिन उन्हें मीडिया के सामने लीक किया जो कि अनुशासन के अनुरूप नहीं है। हालांकि सिंह को ‘‘सक्रिय’’ अधिकारी बताते हुए उद्धव ठाकरे नीत सरकार ने कहा कि उन्होंने अनेक जिम्मेदारियों को ‘‘बखूबी’’ निभाया है। उसने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए सिंह का इस्तेमाल कर रही है। शिवसेना ने कहा, ‘‘विपक्षी दल महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों का बहुत अधिक इस्तेमाल कर रहा है। ऐसा लगता है कि यदि राज्य में कहीं पर चार मुर्गियां और दो कौवे करंट लगने से मर जाएंगे तो भी केंद्र यहां सीबीआई या एनआईए को भेज देगा।
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