Prabhasakshi NewsRoom: US में Hurriyat समर्थक पाकिस्तानी Kashmir मुद्दे पर चर्चा के दौरान डाल रहे थे खलल, उठा कर बाहर फेंक दिये गये

Hurriyat US
ANI

‘कश्मीर: उथल-पुथल से बदलाव तक’ विषय पर गुरुवार को एक चर्चा का आयोजन किया गया था। इसका संचालन स्तंभकार से हुन किम ने किया और इसे जम्मू-कश्मीर वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष मीर जुनैद और बारामूला की निगम परिषद के अध्यक्ष तौसीफ रैना ने संबोधित किया।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर अलगाववादी और खालिस्तानी तत्वों के हौसले बढ़ रहे हैं इसलिए वह विदेशों में भारत विरोधी हरकतें कर रहे हैं। यही नहीं, विदेशों में रह रहे पाकिस्तानी भी भारत विरोधी हरकतों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं लेकिन उन्हें तत्काल मुंहतोड़ जवाब भी दिया जा रहा है। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में स्थित नेशनल प्रेस क्लब में कश्मीर पर एक चर्चा आयोजित की गयी। इस चर्चा के दौरान अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के पाकिस्तानी समर्थकों ने हंगामा करने का प्रयास किया जिसके चलते उन्हें खदेड़ दिया गया। चर्चा के दौरान जब अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के छह पाकिस्तानी समर्थक बार-बार खलल डाल रहे थे तो उन्हें बलपूर्वक बाहर निकाल दिया गया।

हम आपको बता दें कि ‘कश्मीर: उथल-पुथल से बदलाव तक’ विषय पर गुरुवार को एक चर्चा का आयोजन किया गया था। इसका संचालन स्तंभकार से हुन किम ने किया और इसे जम्मू-कश्मीर वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष मीर जुनैद और बारामूला की निगम परिषद के अध्यक्ष तौसीफ रैना ने संबोधित किया। अलगाववादी समर्थकों को कमरे से बाहर निकाले जाने पर मीर जुनैद ने कहा, ‘‘सभी लोगों ने आज आपका असली चेहरा देख लिया। कश्मीर में हमने जो देखा है, वह आज वाशिंगटन में भी देखा और दुनिया को यह दिखाने के लिए शुक्रिया कि ये लोग कितने क्रूर और असभ्य हैं।’’ हम आपको बता दें कि जुनैद उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि कश्मीरी हुर्रियत नेता जेल में क्यों हैं, तभी अलगाववादी समर्थकों ने चर्चा में खलल डालने की कोशिश की। जुनैद ने कहा, ‘‘वे (हुर्रियत नेता) अपनी गलतियों की वजह से जेल में हैं।'' जुनैद ने कहा कि हुर्रियत के लोगों ने अपने निहित स्वार्थों और फायदों के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह किया। वे हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहे थे। वे आतंकवाद का महिमामंडन कर रहे थे। वे घृणा पैदा करने वाले अपने भाषण के लिए जेल में हैं। वे अपने युद्ध अपराधों के लिए जेल में हैं।’’ दूसरी ओर, अलगाववादी समर्थकों द्वारा कार्यक्रम में बाधा डाले जाने के संदर्भ में तौसीफ रैना ने कहा कि इतने बरसों से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित अलगाववादी जम्मू-कश्मीर में यही काम कर रहे हैं।

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हम आपको यह भी बता दें कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का दम कश्मीर में पूरी तरह निकल चुका है लेकिन पाकिस्तान इसको पुनर्जीवित करने की कोशिश में है। लेकिन पाकिस्तान की इस कोशिश को विफल करने का प्रयास सुरक्षा बलों के साथ ही स्थानीय लोग भी कर रहे हैं। पाकिस्तान ने हुर्रियत का जो नया गुट बनाया है उसने पिछले साल 15 अगस्त को कश्मीर बंद करने का ऐलान किया था। लेकिन उस दिन कुछ बंद नहीं रहा बल्कि हर घर पर तिरंगा लहराता रहा और लोग सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाते रहे।

हुर्रियत का दम निकल जाने का लाभ यह हुआ है कि आतंकवाद अब अपने अंतिम चरण में है। सुरक्षा बलों के प्रयासों में अब स्थानीय लोग भी पूरी तरह भागीदारी कर रहे हैं। अब कहीं मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में स्थानीय लोगों द्वारा बाधा नहीं खड़ी की जाती बल्कि उनकी मदद की जाती है। यही नहीं, पिछले दिनों कश्मीर के एक गांव में कश्मीरियों ने खुद आतंकवादियों को पकड़ कर सुरक्षा बलों के हवाले किया था। सीमावर्ती गांवों में भी संदिग्ध गतिविधियां देख कर गांव वालों की ओर से सुरक्षा बलों को सूचित किया जाता है जिससे उनको काफी मदद मिलती है। हुर्रियत के दम निकलने का फायदा यह हो रहा है कि कश्मीर घाटी में कट्टरपंथ और अलगाववाद की घटनाएं बंद हो चुकी हैं, ना कोई हड़ताल होती है ना ही आतंकियों की मौत पर भीड़ इकट्ठी होती है। यही नहीं, हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख रहे सैयद अली शाह गिलानी की मौत या उसकी डेथ एनिवर्सिरी पर भी ना कोई दुकान बंद हुई और ना ही कोई पथराव हुआ। हुर्रियत के दम निकलने का फायदा यह हो रहा है कि जुमे की नमाज के बाद अब कोई नारेबाजी नहीं होती ना ही कोई आईएस का झंडा लहराता है। हुर्रियत के दम निकलने का लाभ यह है कि कश्मीर में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आ रहे हैं, हुर्रियत के दम निकलने का लाभ यह है कि कश्मीर घाटी में बदले माहौल में मस्जिदें अब सियासत नहीं बल्कि वापस इबादत का ही स्थल बन गयी हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस पर सिर्फ सरकार ने कार्रवाई की ऐसा नहीं है। पिछले साल टार्गेट किलिंग के खिलाफ स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन करते हुए हुर्रियत के केंद्रीय भवन के मुख्य द्वार पर 'इंडिया' लिख दिया और अलगाववादी संगठन के नामपट्ट को नीचे गिरा दिया।

बहरहाल, पाकिस्तान को कश्मीर को भूल कर अपने देश के हालात को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। पाकिस्तान में आटे और मैदे की लूट हो रही है। देश गृह युद्ध की ओर बढ़ रहा है और वह कश्मीर के हसीन सपने देख रहा है।

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