ओवैसी ने ‘बुलडोजर न्याय’ पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का स्वागत किया
“इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसकी वाक्पटुता नहीं, बल्कि लागू करने योग्य दिशा-निर्देश हैं। उम्मीद है कि वे राज्य सरकारों को मुसलमानों और हाशिए पड़े अन्यसमूहों को सामूहिक रूप से दंडित करने से रोकेंगे।”
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने‘बुलडोजर न्याय’ पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का बुधवार को स्वागत करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले बुलडोजर राज का महिमामंडन किया था, जिसे शीर्ष अदालत ने “कानून के विपरीत बताया।
‘बुलडोजर न्याय’ पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को संपत्तियों को ध्वस्त करने के संबंध में समूचे देश के लिए दिशा-निर्देश जारी किए और कहा कि कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं बन सकती, किसी आरोपी को दोषी घोषित नहीं कर सकती और उसके घर को नहीं तोड़ सकती।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य औवेसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि उच्चतम न्यायालय का ‘बुलडोजर न्याय’ पर फैसला एक स्वागत योग्य राहत है। उन्होंने कहा, “इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसकी वाक्पटुता नहीं, बल्कि लागू करने योग्य दिशा-निर्देश हैं। उम्मीद है कि वे राज्य सरकारों को मुसलमानों और हाशिए पड़े अन्यसमूहों को सामूहिक रूप से दंडित करने से रोकेंगे।”
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि यदि कार्यपालक अधिकारी किसी नागरिक का घर मनमाने तरीके से सिर्फ इस आधार पर तोड़ते हैं कि उस पर किसी अपराध में शामिल होने का आरोप है तो यह कानून के सिद्धांतों के विपरीत है। ओवैसी ने कहा, “ हमें याद रखना चाहिए कि नरेन्द्र मोदी ने भी ‘बुलडोजर राज’ का महिमामंडन किया है, जिसे आज उच्चतम न्यायालय ने कानून के विपरीत बताया है।
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