असम CM के जनसंख्या नियंत्रण वाले बयान पर ओवैसी का पलटवार, कहा- यह हिंदुत्व बोल रहा है

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अपने ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि हकीकत यह है कि असम पहले से ही टीएफआर यानी की टोटल फर्टिलिटी रेट में 2.1 पर आ चुका है जबकि राष्ट्र का टीएफआर 2.2 है। साधारण शब्दों में कहें तो यह जनसंख्या विस्फोट नहीं है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मुस्लिमों को जनसंख्या नियंत्रण नीति अपनाने की सलाह दी। इसके बाद उनके इस सलाह को लेकर विवाद शुरू हो गया। एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने असम के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। ओवैसी ने साफ और सीधे शब्दों में कहा कि यह हिंदुत्व बोल रहा है जो गरीब और शोषित लोगों पर आरोप लगा रहा। अपने ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि हकीकत यह है कि असम पहले से ही टीएफआर यानी की टोटल फर्टिलिटी रेट में 2.1 पर आ चुका है जबकि राष्ट्र का टीएफआर 2.2 है। साधारण शब्दों में कहें तो यह जनसंख्या विस्फोट नहीं है।

ओवैसी ने आगे सलाह देते हुए कहा कि सरकार को लिंग-चयनात्मक गर्भपात की बर्बर प्रथा के कारण विषम लिंगानुपात के बारे में चिंता करनी चाहिए। अनुमान के मुताबिक 2036 में असम का लिंगानुपात बिगड़ जाएगा और पुरुषों की संख्या काफी हो जाएगी। ओवैसी ने आगे कहा कि बुनियादी तौर पर लिंग विरोध वाली संस्कृति के खिलाफ लड़ने की जरूरत है। आपको बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बृहस्पतिवार को गरीबी कम करने के उद्देश्य से जनसंख्या नियंत्रण के लिए अल्पसंख्यक समुदाय से ‘‘उचित परिवार नियोजन नीति’’ अपनाने का अनुरोध किया।

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मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के 30 दिन पूरे होने के मौके पर कहा कि समुदाय में गरीबी कम करने में मदद के लिए सभी पक्षकारों को आगे आना चाहिए और सरकार का समर्थन करना चाहिए। गरीबी की वजह जनसंख्या में अनियंत्रित वृद्धि है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सभी गरीब लोगों की संरक्षक है लेकिन उसे जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे से निपटने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के सहयोग की आवश्यकता है। जनसंख्या वृद्धि गरीबी, निरक्षरता और उचित परिवार नियोजन की कमी की मुख्य वजह है।’’

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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