विपक्ष ने सरकार को कोरोना के मुद्दे पर घेरा, बूस्टर खुराक पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की

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लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति’ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार से ओमीक्रोन स्वरूप के सामने आने के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

नयी दिल्ली| कोविड-19 महामारी के प्रबंधन को लेकर नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्ष ने टीके के आवंटन में भाजपा शासित राज्यों का पक्ष लेने का आरोप लगाया तथा वायरस के नये ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप को लेकर सतर्कता बरतने को कहा।

विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कब से टीके लगने शुरू होंगे एवं कोविड टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक पर सरकार की क्या नीति है ?

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लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति’ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार से ओमीक्रोन स्वरूप के सामने आने के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

उन्होंने सरकार से महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की मौत की जिम्मेदारी लेने एवं जान गंवाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या बताने की भी मांग की।

वहीं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मोदी सरकार की नीतियों एवं कुशल प्रबंधन से महामारी के दौरान देश में भुखमरी से मृत्यु का एक भी मामला सामने नहीं आया तथा देश में कोविड रोधी टीका लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया है और अमेरिका से दोगुना टीकाकरण हो चुका है जिसकी संयुक्त राष्ट्र समेत विश्व मंचों पर प्रशंसा हो रही है।

चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, ‘‘ चाहे दवाओं का विषय हो, ऑक्सीजन उत्पादन या लोगों को टीका उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने एवं गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण का विषय हो, प्रधानमंत्री ने सभी लोगों का ख्याल रखा। ’’

कोविड की स्थिति के विषय पर सदन में यह चर्चा बृहस्पतिवार देर रात तक जारी रही और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा चर्चा का उत्तर शुक्रवार को दिये जाने की संभावना है।

निचले सदन में चर्चा की शुरूआत करते हुए शिवसेना के विनायक राउत ने कहा कि केंद्र सरकार ने महामारी के दौरान राज्यों को आवश्यकतानुसार वेंटिलेटर और पीएसए संयंत्र प्रदान करने का आश्वासन दिया लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पीएम केयर्स निधि के तहत दिये गये 60 प्रतिशत से अधिक वेंटिलेटर काम नहीं आए। उन्होंने कहा कि ऐसे ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ता एजेंसियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। राउत ने कोविड के दौर में उद्योगों और अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार का जिक्र करते हुए कहा कि जो करोड़ों लोग बेरोजगार हुए हैं, उनके लिए सरकार क्या करना चाहती है? बताना चाहिए।

राउत ने भाजपा शासित राज्यों को ज्याद टीका आवंटित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि टीकों का आवंटन राज्यों को आबादी के हिसाब से किया जाना चाहिए और इसमें सभी का ध्यान रखा जाना चाहिए।

चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने सरकार पर कोविड महामारी से निपटने के कार्य को जरूरी प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाया और यह स्पष्ट करने की मांग की कि महामारी के दौरान कितने लोगों की मौत हुई, कितने परिवारों की मदद की गई। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कब से टीके लगने शुरू होंगे, साथ ही कोविड टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक को लेकर उसकी क्या नीति है ?

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गोगोई ने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार को लोगों से सतर्क रहने की गुजारिश करनी चाहिए, उस समय सरकार के लोग प्रधानमंत्री की तारीफ करने में लगे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि आज बेरोजगार बढ़ गया है, व्यापार पर गंभीर असर पड़ा है, लोगों की आमदनी घटी लेकिन महामारी के बाद सरकार ने ईंधन एवं अन्य चीजों की कीमतों को बढ़ाने का काम किया।

कोविड महामारी पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सदस्य रतन लाल कटारिया ने कहा कि देश में कोविड रोधी टीका लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया है और अमेरिका से दोगुना टीकाकरण हो चुका है जिसकी संयुक्त राष्ट्र समेत विश्व मंचों पर प्रशंसा हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम देख रहे हैं कि हमारे पास 15 हजार से भी ज्यादा विशेष अस्पताल कोविड प्रबंधन के लिए सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। 75 हजार आईसीयू बिस्तर और 14 लाख पृथकवास बिस्तर हैं। जांच, निगरानी और उपचार का काम तेजी से चल रहा है।’’

कटारिया ने कहा कि महामारी के समय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा लेकिन आज भारत सबसे तेजगति से चलने वाली अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद देश में न केवल संक्रमण से लोगों को बचाया गया बल्कि अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने का काम किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज कोरोना महामारी के समय कोविड से मृत्यु के मामले जरूर आए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रबंधन के कारण भुखमरी से कोई नहीं मरा।’’

एआईएमआईएम के असादुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के लिये तैयार नहीं थी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमोल कोल्हे ने कहा कि महामारी पर काबू पाने के लिए एक नीति होनी चाहिए जिसमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर आवाजाही पर पाबंदी के साथ ही संक्रमितों का जीनोम अनुक्रमण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच बड़े स्तर पर होनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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