नीतीश के 'आखिरी चुनाव' वाले बयान पर कांग्रेस ने कहा- भाजपा-जदयू ने स्वीकार की हार
पार्टी महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बिहार का चुनाव भविष्य की राजनीति का भाग्य बदलने वाला है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थमने के बाद महागठबंधन की जीत की सौंधी खुशबू आ रही है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से मौजूदा विधानसभा चुनाव को अपना अंतिम चुनाव बताए जाने के बाद बृहस्पतिवार को दावा किया कि नीतीश ने ‘रिटायरमेंट’ की घोषणा करके भाजपा-जद(यू) गठबंधन की हार को स्वीकार कर लिया है। पार्टी महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि बिहार का चुनाव भविष्य की राजनीति का भाग्य बदलने वाला है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थमने के बाद महागठबंधन की जीत की सौंधी खुशबू आ रही है। इस खुशबू में युवाओं के रोजगार की, किसान की कर्ज माफी की, फसलों के दाम की, अपराध पर लगाम की, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य की, नए उद्योग-धंधों की, प्रवासी मजदूरों के लिए आशा की एक नई किरण की उम्मीदें हैं।’’
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सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘नीतीश बाबू ने तो तीसरे चरण के चुनाव से पहले ही इस चुनाव को अपना ‘आखिरी चुनाव’ बता जद(यू)-भाजपा की हार स्वीकार कर ली है। पर जान लें कि जद(यू)-भाजपा का ‘टायर्ड व रिटायर्ड नेतृत्व’, जिन्होंने अब रिटायरमेंट की घोषणा भी कर दी है, वो बिहार को हरा नहीं पाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा होता कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी बिहारवासियों से बिहार को बदहाली की कगार पर पहुंचाने के लिए खुले मन से माफी मांग महागठबंधन को सरकार सौंप देते।’’ गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में हो रहा विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव है। पूर्णिया के धमदाहा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘ आज चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। परसों मतदान है और यह मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।’’ नीतीश ने साल 1977 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। वह कई बार लोकसभा के सदस्य रहे और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रहे। नीतीश साल 2005 से (बीच में कुछ महीने छोड़कर) बिहार के मुख्यमंत्री हैं।
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