UP में आया हैरान करने वाला मामला, कलयुगी बेटे बहू से बुजुर्ग ने छीना अंतिम संस्कार का हक, डेढ़ करोड़ की संपत्ति से किया बेदखल

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कलयुगी बेटे बहु से परेशान होकर बुजुर्ग ने सख्त फैसला किया है। बुजुर्ग ने अपनी सारी संपत्ति राज्यपाल को दान में दे दी है। इसके अलावा उन्होंने अपने बेटे से अंतिम संस्कार का अधिकार भी छिन लिया है।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर में एक बेटे बहु ने अपने बुजुर्ग पिता के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया कि बुजुर्ग पिता ने उनसे अंतिम संस्कार का हक ही छिन लिया। किसी भी माता-पिता के लिए बेटे के होने पर ये सोचना की वो उनके बुढापे की लाठी बनेगा आम है। मगर कलयुग के जमाने में कुछ बेटे ऐसे हैं जो कि अपने माता-पिता का ख्याल रखने में सक्षम नहीं है।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरपुर में 80 वर्षीय पिता को बेटे और बहू से परेशान होकर सख्त फैसला लेना पड़ा, जिससे साफ हो गया है कि बेटा बहू अपने बुजुर्ग के साथ नम्रतापूर्वक व्यवहार नहीं करते थे। बुजुर्ग ने बेटे बहू से परेशान होकर अपनी सारी संपत्ति राज्यपाल को दान कर दी है।

जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर के 80 वर्षीय नाथू सिंह मूल रूप से किसान है, जो कि अपने बेटे और बहु से काफी परेशान है। नाथू सिंह के मुताबिक उनका बेटा और बहू उनके साथ दुर्व्यवहार करते है। बेटे और बहू की हरकतों से परेशान होकर ये फैसला किया है कि उनकी संपत्ति में उनके बेटे और बहू का कोई हिस्सा ना हो। उन्होंने अपनी संपत्ति से बेटे और बहू को बेदखल कर दिया है। नाथू सिंह ने अपनी 1.5 करोड़ रुपये की संपत्ति को राज्यपाल को दान कर दिया है। इस फैसले से उन्होंने साफ बता दिया है कि जिन लोगों को उनकी चिंता नहीं है वो उनकी संपत्ति का हिस्सा नहीं हो सकते है।

जानकारी के मुताबिक नाथू सिंह ने अपनी संपत्ति राज्यपाल को दान कर दी है। अब वो बिरल गांव में ही एक वृद्धाश्रम में रह रहे है। उनके परिवार में एक बेटा और तीन बेटियां है। उन्होंने कहा कि वो ये नहीं चाहते हैं कि उनके बच्चों में से कोई भी उनकी संपत्ति का वारिस बने। उन्होने कहा कि मैंने राज्यपाल को संपत्ति देने के लिए हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि मेरी मौत के बाद मेरी जमीन पर स्कूल या अस्पताल खोल दिया जाए।

परिवार से छीने सब अधिकार

उन्होंने परिवार से दुखी होकर सदस्यों से हर तरह के अधिकार भी छीन लिए है। उन्होने कहा कि उम्र के इस समय जब मुझे अपने बेटे और बहू की जरुरत थी तब उन्होंने दुत्कारने के अलावा मेरे साथ और कुछ नहीं किया। मैंने उनके व्यवहार से दुखी होकर ही अपनी संपत्ति राज्यपाल को ट्रांसफर करने का फैसला किया है, जिससे इस संपत्ति का सदुपयोग हो सके।

बता दें कि वर्तमान में नाथू सिंह स्थानीय इलाके में ही मौजूद वृद्धाश्रम में रहकर अपना जीवन यापन कर रहे है। वहीं बुढाना तहसील के सब रजिस्ट्रार पंकज जैन ने भी कहा कि बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी 1.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जिसमें आवासीय घर, 10 बीघा खेती की जमीन और अचल संपत्ति शामिल है को दान करने का फैसला किया है। ये संपत्ति उनके निधन के बाद स्वत: दान होगी।

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