सभी हरियाणा-कश्मीर चुनाव में लगे रहे इधर भारत ने कर दिया ऐसा कमाल, चीन भी टेंशन में आ जाएगा
देश के 140 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए शुभ समाचार ये है कि भारत अब एशिया में तीसरा सबसे बड़ा सुपर पावर बन गया है। ये हर भारतवाशी के लिए गौरव का पल है। भारत पहले से ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। लेकिन अब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी महाशक्ति बन गया है। बड़ी बात ये है कि भारत ने इसमें रूस और जापान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है।
आज भी जब आप सुपरपावर शब्द सुनते होंगे तो आपके मन में अमेरिका का नाम आता होगा। जबरदस्त शक्ति, अरबों-खरबों की दौलत, मजबूत अर्थव्यवस्था, देश के लोगों के लिए अच्छी सड़कें, इमारतें, स्कूल, अस्पताल, सभी सुविधाएं। आप जब डेमोक्रेसी इंडेक्स, ह्यूमन राइट इंडेक्स, हंगर इंडेक्स, हैप्पीनेस इंडेक्स या मीडिया इंडेक्स इन सब रिपोर्ट में भारत की आलोचना की जाती है। कहा जाता है कि भारत की रैकिंग लगातार नीचे गिर रही है। भारत को पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल, अफगानिस्तान जैसे देशों से भी कई सर्वे में पीछे दिखाया जाता है तो हमारे देश का एक वर्ग इस पर खूब खुश हो उठता है। सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने लगते हैं कि देखिए भारत की हालात कितनी खराब हो चुकी है। कहा जाता है कि हमारी सरकार कोई काम नहीं कर रही है। लेकिन कोई ऐसी रिपोर्ट आती है जिसमें हमारे देश को सुपरपावर की तरह बतायाजाता है तो ये सारे वर्ग खामोशी की चादर ओढ़ लेते हैं। लेकिन आपको ये जानकर खुशी होगी कि सुपरपावर का टैग भारत के साथ जुड़ गया है। देश के 140 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए शुभ समाचार ये है कि भारत अब एशिया में तीसरा सबसे बड़ा सुपर पावर बन गया है। ये हर भारतवाशी के लिए गौरव का पल है। भारत पहले से ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। लेकिन अब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी महाशक्ति बन गया है। बड़ी बात ये है कि भारत ने इसमें रूस और जापान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है।
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एशिया पावर इंडेक्स 2024
अमेरिका | 81.7 प्वाइंट |
चीन | 72.7 |
भारत | 39.1 |
जापान | 38.9 |
ऑस्ट्रेलिया | 31.9 |
रूस | 31.1 |
साउथ कोरिया | 31.0 |
सिंगापुर | 26.4 |
इंडोनेशिया | 22.3 |
थाइलैंड | 19.8 |
जापान को पीछे छोड़ भारत बना तीसरी महाशक्ति
ऑस्ट्रेलिया के थिंक टैंक लोवी इंस्ट्रिट्यूट के एशिया पावर इंडेक्स 2024 जारी की है, इसमें भारत को तीसरा स्थान मिला है। इस मामले में भारत ने जापान और रूस जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। यानी हम हिंद प्रशांत क्षेत्र में उनसे भी बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं। 81.7 प्वाइंट के साथ अमेरिका दुनिया का सबसे सुपर पावर मुल्क है। चीन 72. 7 प्वाइंट के साथ दुनिया की दूसरी सबसे सुपर पावर बताया गया है। इसके बाद इसमें कुल 16 देशों को मीडिल पॉवर की श्रेणी में रखा गया है। जिनमें भारत 39.1 प्वाइंट के साथ जापान, ऑस्ट्रेलिया, रूस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान को तो छोड़ ही दीजिए सभी देशों से आगे हैं। पहली बार हुआ है जब भारत एशिया पावर इंडेक्स में अमेरिका, चीन के बाद सबसे ज्यादा स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
8 पैमानों पर दिया जाता है स्कोर
देश की आर्थिक क्षमता
देश के आर्थिक संबंध
देश की सैन्य ताकत
राजनयिक प्रभाव
भविष्य के संसाधन
सांस्कृतिक प्रभाव
भविष्य के संसाधन
मुश्किल समय में अपने प्रतिद्वंदी को पलटवार करने की शक्ति
भारत की सॉफ्ट पावर
सभी बड़े देशों में भारत ही है जिसके प्रदर्शन में 2.8 प्वाइंट की वृद्धि हुई है। ये प्वाइंट भारत की सॉफ्ट पावर से बढ़े हैं। इस रिपोर्ट में योग को भारत की सॉफ्ट पावर बताया गया है। इसके अलावा प्रवासी भारतीयों का भी जिक्र किया गया है। उनकी ताकत और प्रभाव बढ़ा है, उससे भी इसमें इजाफा हुआ है। आज भारत अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद पांचवी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस मामले में हम रूस और ब्रिटेन को पहले ही बहुत पीछे छोड़ चुके हैं। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है। भारत के पास दुनिया की सबसे युवा शक्ति है।
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आर्थिक प्रभाव
रिपोर्ट में कहा गया,'महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था मे बड़ा सुधार आया है। इससे आर्थिक क्षमता के मामले में इसका स्कोर 4.2 पॉइंट बढ़ा। भारत की विशाल जनसंख्या और दमदार GDP ग्रोथ परचेजिंग पावर पैरिटी के लिहाज से दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनमी के इसके दर्जे पर मुहर लगाती है। हालांकि एशियाई देशो से आर्थिक संबंधो के मामले में भारत एक पायदान फिसलकर इंडोनेशिया से नीचे आ गया। क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारियो मे कमजोर भागीदारी के चलते यह ट्रेंड बना रह सकता है।'
कूटनीतिक प्रभाव
भारत का डिप्लोमैटिक इंफ्लुएस बढ़ने की बात करते हुए कहा गया कि सर्वे मे शामिल विशेषज्ञों ने पीएम नरेद्र मोदी के वैश्विक नेतृत्व और रणनीतिक महत्वाकांक्षा को ज्यादा महत्व दिया। 2023 में कूटनीतिक बातचीत के लिहाज से भारत छठें नंबर पर रहा, इससे बहुपक्षीय मंचो पर भारत की सक्रिय सहभागिता का पता चलता है। गुट निरपेक्षता की रणनीति ने दुनिया में इसका कद बढ़ाने में मदद की है।
सैन्य प्रभाव
डिफेस नेटवर्क्स मे भारत लगातार तीसरे साल एक रैक नीचे गिरकर नौवे पायदान पर आ गया। इंडोनेशिया इससे आगे निकल गया।
संसाधनों का उपयोग जरूरी
पाकिस्तान से लेकर रूस और ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड से अमेरिका तक 27 देशो से जुड़े इंडेक्स में भारत की रैंकिग बढ़ना अच्छी बात है। 2018 के मुकाबले भारत की कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक क्षमता बढ़ी है। फ्यूचर रिसोर्सेज, सास्कृतिक प्रभाव, डिफेस नेटवर्क्स और आर्थिक संबंधों के मोर्चे पर गिरावट रही है। हालांकि आने वाले समय मे भारत अपना दबदबा बढ़ा सकता है। इसके लिए युवा आबादी सहित तमाम संसाधनो का कुशल उपयोग करना होगा।
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