बंगाल में लॉकडाउन लागू करने में विफल रहे अधिकारियों को बाहर किया जाए: जगदीप धनखड़

Jagdeep Dhankar

मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन सही तरीके से लागू नहीं होने से नाखुश राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन लागू कराने के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को तैनात करने पर विचार होना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। राज्य सरकार के अधीन पुलिस और प्रशासन के जो अधकारी शत-प्रतिशत तरीके से सामाजिक दूरी कायम रखने या धार्मिक समागमों पर रोक लगाने में विफल रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।’’ राज्यपाल ने कहा कि लॉकडाउन सफल होना चाहिए और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की जरूरत पर विचार होना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्य के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन ढिलाई पर चिंता जताई थी। इनमें से ज्यादातर स्थान अल्पसंख्यक बहुल हैं और भाजपा की प्रदेश इकाई ने कई बार आरोप लगाया है कि इन इलाकों में लॉकडाउन का ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। केंद्र सरकर के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार की केवल कुछ विशेष क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता रखने में दिलचस्पी है। 

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ममता ने कहा था, ‘‘हम किसी सांप्रदायिक वायरस से मुकाबला नहीं कर रहे हैं, हम ऐसी बीमारी से लड़ रहे हैं जो मनुष्य के संपर्क में आने से फैलती है। जहां भी हमें दिक्कत दिखेगी, वहां लॉकडाउन लागू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि दुकानें बंद रहेंगी। हम कड़ी निगरानी रख रहे हैं।’’ धनखड़ और राज्य सरकार के बीच पहले भी कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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