Israel-Hamas War को लेकर अब Sharad Pawar ने उठा दिए सवाल, कहा- पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय अपना रहे अलग रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से आए बयान से साफ है कि भारत पूरी तरह से इजराइल का पक्ष ले रहा है। वहीं विदेश मंत्रालय ने जो बयान जारी किया है उससे पता चलता है कि मंत्रालय ने फीलिस्तीन का समर्थन किया है। भारत हमेशा से फिलिस्तीन के लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए उसका समर्थन करता रहा है।
इजरायल और हमास के बीच बड़े स्तर पर जंग जारी है। गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर बमबारी कर इजराइल की सेना ने बड़ा कदम उठाया है। इजराइल की सेना ने बमबारी करते हुए हमास के ठिकानों को मलबे में तब्दील किया है। इस युद्ध पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई है।
इसी बीच भारत में भी इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष का असर देखने को मिल रहा है। इस मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। हमास इजराइल के बीच युद्ध को देखते हुए अब शरद पवार ने भी अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय पर सवाल खड़े कर दिए है।
शरद पवार ने इजराइल हमास युद्ध की स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय द्वारा व्यक्ति की गई स्थिति में प्रदर्शित हुए विरोधी बयान को देखते हुए शरद पवार ने कहा कि दोनों के बयानों में विरोधाभास की अनुभूति हुई है। उन्होंने कहा कि भारत 100 प्रतिशत इजराइल के साथ नहीं हो सकता है। विदेश मंत्रालय ने जो बयान दिया है वो ये बात साबित करता है। गौरतलब है कि शरद पवार पूर्व रक्षा मंत्री रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से आए बयान से साफ है कि भारत पूरी तरह से इजराइल का पक्ष ले रहा है। वहीं विदेश मंत्रालय ने जो बयान जारी किया है उससे पता चलता है कि मंत्रालय ने फीलिस्तीन का समर्थन किया है। भारत हमेशा से फिलिस्तीन के लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए उसका समर्थन करता रहा है।
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत ने फीलिस्तानी मुद्दे का समर्थन किया है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। मगर ऐसे किसी संगठन के खिलाफ हैं जो आतंकवादी हमलों में शामिल हो। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया है कि हम उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि इजराइल-फलस्तीन मुद्दा “गंभीर और संवेदनशील” है और मुस्लिम देशों जैसे अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य के विचारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। पवार ने कहा, “यह पहली बार है कि राष्ट्र के मुखिया ने एक रुख अपनाया है और उनके मंत्रालय ने दूसरा पक्ष लिया है।
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