नोटबंदी- जीएसटी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएगा ‘न्याय’ : राहुल
उन्होंने आश्वस्त किया कि अगर उनकी पार्टी मौजूदा लोकसभा चुनाव में सत्ता में आती है तो सरकारी नौकरियों में खाली पड़े 22 लाख पदों को एक साल के अंदर भरा जायेगा।
संगमनेर (महाराष्ट्र)। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने जिस ‘‘न्यूनतम आय गारंटी’’ की परिकल्पना की है, वह जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदम से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लेकर आएगी। यहां अहमदनगर जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 45 वर्ष में देश में बेरोजगारी दर ‘‘उच्चतम स्तर’’ पर पहुंच गया है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने 2014 के चुनाव पूर्व अपने वादे में एक साल में दो करोड़ नौकरियां देने की बात कही थी।
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उन्होंने आश्वस्त किया कि अगर उनकी पार्टी मौजूदा लोकसभा चुनाव में सत्ता में आती है तो सरकारी नौकरियों में खाली पड़े 22 लाख पदों को एक साल के अंदर भरा जायेगा। राहुल ने कहा कि ‘न्याय’ योजना के तहत 72,000 रुपये सालाना (पांच साल में 3.60 लाख रुपये) देश के गरीबों को दिये जायेंगे, जो करीब 25 करोड़ (पांच करोड़ परिवार) लोग हैं। न्यूनतम आय योजना (न्याय) एक गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम है। यह 2019 के चुनाव के लिये कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल है। उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव ‘‘भाजपा की नफरत और कांग्रेस के प्रेम’’ की विचारधारा के बीच की लड़ाई है।
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कांग्रेस नेता ने नवंबर 2016 की नोटबंदी और जुलाई 2017 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में आयी तो वह एक कानून लायेगी ताकि यह सुनिश्चित हो कि कर्ज नहीं चुकाने वाले किसान को जेल नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या जैसे रईस फरार हैं लेकिन महाराष्ट्र का अगर कोई किसान 20,000 रुपये का भी कर्ज लेता है और उसे चुकाने में असमर्थ रहता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। ये कैसा भारत है?’’राहुल गांधी ने मोदी पर हर किसी के बैंक खाते में 15 लाख रुपये आने जैसे झूठे आश्वासन देने का भी आरोप लगाया।
राहुल ने राफेल लड़ाकू विमान समझौते को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा और अपने आरोप को दोहराते हुए कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी के पास ऐसे विमान निर्माण के लिये अनुभव नहीं होने के बावजूद उन्हें 30,000 करोड़ रुपये का अनुबंध दिया गया।
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