महाराष्ट्र में मध्य प्रदेश जैसी स्थिति नहीं: शरद पवार
पवार ने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी, एच डी देवेगौड़ा, सीताराम येचुरी और यशवंत सिन्हा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को रिहा करने की मांग की थी।
मुम्बई। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्य प्रदेश जैसी राजनीतिक स्थिति होने से बुधवार को इनकार किया और कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार राज्य में ‘‘बहुत अच्छा काम’’ कर रही है। पवार ने दक्षिण मुम्बई में विधान भवन में संवाददाताओं से कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा चुनाव हारने के बाद ‘‘जल्द पुनर्वास’’ चाहा था। सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। यह पूछे जाने पर कि कमलनाथ सरकार के आसन्न पतन के लिए क्या कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, पवार ने कहा कि पार्टी का एक ‘‘अच्छा और सक्षम नेतृत्व है।’’ सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने का मध्य प्रदेश में 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार पर प्रभाव के बारे में पवार ने कहा, ‘‘कुछ लोगों को कमलनाथ की क्षमता पर विश्वास है और उन्हें लगता है कि चमत्कार हो सकता है।’’ पवार ने कहा कि उन्हें कमलनाथ की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है।
NCP Chief Sharad Pawar: We are waiting to see what happens in #MadhyaPradesh. People have faith in Kamal Nath Ji's abilities. pic.twitter.com/rvkcRzSsdN
— ANI (@ANI) March 11, 2020
पवार ने कहा, ‘‘यह अगले एक या दो दिनों में पता चल जाएगा कि क्या यह (कमलनाथ द्वारा चमत्कार) होगा। मुझे मध्य प्रदेश विधानसभा के ढांचे के बारे में पता नहीं है लेकिन यदि ‘‘राजा साहेब’’ (सिंधिया) के साथ एक संवाद होता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह लोकसभा चुनाव (पिछले वर्ष) में अपनी हार के बाद चाहते थे कि उन्हें नयी जिम्मेदारी दी जाए। यद्यपि यह कांग्रेस की संस्कृति नहीं है और यह आसान नहीं है।’’ उन्होंने महाराष्ट्र में ‘‘मध्यप्रदेश जैसी स्थिति’’ से इनकार करते हुए कहा कि राज्य में महा विकास अघाडी सरकार सही काम कर रही है और सही रास्ते पर है।’’ उन्होंने कहा कि इस तथ्य से कि मीडिया के पास उसके (महा विकास अघाड़ी सरकार) खिलाफ कुछ लिखने की सामग्री नहीं है, पता चलता है कि सब कुछ ठीक है।
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पवार ने कहा कि यस बैंक संकट एक दिन में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘बैंकिंग विभाग क्या कर रहा था? वह जवाबदेह है। विस्तृत जानकारी जांच होने के बाद सामने आएगी।’’ पवार ने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी, एच डी देवेगौड़ा, सीताराम येचुरी और यशवंत सिन्हा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को रिहा करने की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘‘उनका अपराध क्या है? इससे घाटी में गलत संदेश जाता है। जम्मू कश्मीर एक संवेदनशील राज्य है और लोगों की भावना देश के खिलाफ होने देना गलत है।’’ मुस्लिम आरक्षण पर उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने मुद्दे पर राकांपा का रुख रेखांकित किया है और पार्टी उसके साथ है। कोरेगांव भीमा हिंसा की एसआईटी जांच के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा,‘‘मुझे इसकी जानकारी नहीं कि क्या सरकार एसआईटी का गठन करेगी। लेकिन मेरी मांग कायम है।’’
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