Yasin Malik को NIA ने बताया ओसामा जैसा, तुषार मेहता की दलील पर बोले जज- लादेन पर किसी अदालत में कोई ट्रायल नहीं चला

Yasin Malik
prabhasakshi
अभिनय आकाश । May 29 2023 5:04PM

तुषार मेहता का कहना था कि ओसामा बिन लादेन को भी अगर पकड़ा जाता तो वो भी यासीन मलिक के अंदाज में कोर्ट के सामने अपना गुनाह मान लेता और बड़े आराम से फांसी की सजा से बच जाता।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई अगस्त में की जाएगी। मई 2022 में मलिक को आतंकी फंडिंग में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 

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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एनआईए की ओर से पेश होकर यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की। इस बात पर जोर दिया कि उसने जो अपराध किए हैं, वे दुर्लभतम अपराधों की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं, जो मौत की सजा के योग्य हैं और 57 वर्षीय की जेकेएलएफ प्रमुख की अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन तक से तुलना भी की जाती है। तुषार मेहता का कहना था कि ओसामा बिन लादेन को भी अगर पकड़ा जाता तो वो भी यासीन मलिक के अंदाज में कोर्ट के सामने अपना गुनाह मान लेता और बड़े आराम से फांसी की सजा से बच जाता। 

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जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की बेंच ने एनआईए की याचिका पर यासीन मलिक को नोटिस जारी किया लेकिन लादेन से तुलना को नामंजूर कर दिया। न्यायमूर्ति मृदुल ने कहा कि दोनों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती क्योंकि लादेन को किसी भी अदालत में मुकदमे का सामना नहीं करना पड़ा। पीठ ने मलिक के लिए पेशी वारंट भी जारी किया है जिसके लिए तिहाड़ जेल अधिकारियों को सुनवाई की अगली तारीख पर उन्हें उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करने की आवश्यकता होगी। 

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