सामाजिक रूप से न्यायसंगत और पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ रहने वाले तेज आर्थिक विकास की जरूरत : रमेश
मानव पर्यावरण पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के उद्घाटन की याद में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। उसी सम्मेलन में इंदिरा गांधी ने 14 जून को अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था।’’
पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कहा कि भारत को ऐसे तेज आर्थिक विकास की जरूरत है, जो सामाजिक रूप से न्यायसंगत और पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ हो।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘1972 में स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के उद्घाटन की याद में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। उसी सम्मेलन में इंदिरा गांधी ने 14 जून को अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था।’’
उन्होंने कहा कि भारत ऐसे तेज आर्थिक विकास का हकदार है, जो एक ही समय में सामाजिक रूप से न्यायसंगत और पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ हो। रमेश का कहना है, ‘‘यह असंभव नहीं है। यह करने योग्य और आवश्यक, दोनों है। इसके लिए बिना किसी डर या पक्षपात के कानूनों और विनियमों को लागू करने, संस्थानों को मजबूत करने और हमारी प्राचीन विरासत पर आधारित गहरी समझ और कार्यों की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि इस बात को 12 साल पहले नई दिल्ली में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के नए हरित कार्यालय की शुरुआत के साथ अपनाया गया था।
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