राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति ने सिक्किम के हालात की समीक्षा की, फंसे लोगों को निकालने पर जोर
गौबा ने कहा कि केंद्र राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा। बैठक में संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव, सेना के वरिष्ठ अधिकारी, एनडीआरएफ के महानिदेशक शामिल रहे। राज्य के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है, जबकि निकटवर्ती पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र के प्रशासन ने कहा कि तीस्ता नदी से अब तक 40 शव बरामद हुए हैं।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सिक्किम में बादल फटने के बाद आई बाढ़ के बाद वहां के हालात को लेकर सोमवार को समीक्षा बैठक की। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि सिक्किम सरकार और केंद्रीय एजेंसियों की पहली प्राथमिकता कम से कम समय में लोगों को सुरक्षित निकालने की होनी चाहिए। सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक भी डिजिटल माध्यम से बैठक में शामिल हुए और अवगत कराया कि अधिकतर क्षेत्रों में सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि मौसम में सुधार के चलते अब फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकालना शुरू कर दिया गया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि सोमवार सुबह 80 लोगों को निकाला गया और 28 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां 6,800 से अधिक लोगों ने आश्रय लिया हुआ है। पाठक ने एनसीएमसी को बताया कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने सोमवार शाम तक क्षेत्र में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि चार अक्टूबर को अचानक आई बाढ़ ने मुंशीथांग में सेना के आयुध डिपो को पूरी तरह से तबाह कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप तीस्ता नदी का बेसिन हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री से भर गया है। उन्होंने कहा कि मलबे और कीचड़ को साफ करने में मुश्किलें आ रही हैं। किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए लोगों को चेतावनी जारी की गई है कि अगर नदी के बेसिन में कोई गोला-बारूद या विस्फोटक दिखाई दे तो स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, दवाइयां और एलपीजी सहित सभी आवश्यक आपूर्ति की जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने एनसीएमसी को अगवत कराया कि 11 से 13 अक्टूबर तक मौसम अनुकूल रहने के आसार हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक ने एनसीएमसी को बताया कि बचाव और राहत कार्यों के लिए राज्य में छह टीम तैनात की गई हैं। इसके अलावा तीन टीम सिलीगुड़ी में आरक्षित रखी गई हैं। बचाव और बहाली प्रयासों में पूर्वोत्तर राज्य की मदद के लिए भारतीय सेना और वायुसेना की टीम भी तैनात की गई हैं। केंद्रीय गृह सचिव ने बताया कि केंद्र 24 घंटे हालात और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहा है।
उन्होंने एनसीएमसी को बताया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समन्वय टीम (आईएमसीटी) सिक्किम पहुंच गई है और सिक्किम सरकार को आवश्यक अतिरिक्त केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि सिक्किम सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के लिए प्राथमिकता कम से कम समय में लोगों को सुरक्षित निकालने की होनी चाहिए।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जिन क्षेत्रों में पुल ढह गए हैं, वहां सड़क संपर्क बहाल करने के लिए बेली ब्रिज को प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाना चाहिए। गौबा ने कहा कि केंद्र राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा। बैठक में संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव, सेना के वरिष्ठ अधिकारी, एनडीआरएफ के महानिदेशक शामिल रहे। राज्य के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है, जबकि निकटवर्ती पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र के प्रशासन ने कहा कि तीस्ता नदी से अब तक 40 शव बरामद हुए हैं।
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