मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: अदालत ने बृजेश ठाकुर को दोषी ठहराया
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने ठाकुर को पोक्सो कानून के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न और सामूहिक बलात्कार का दोषी ठहराया। अदालत ने मामले के आरोपियों में से एक को आरोपमुक्त कर दिया।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में बृजेश ठाकुर और 18 अन्य को कई लड़कियों के यौन एवं शारीरिक उत्पीड़न का दोषी करार दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने ठाकुर को पोक्सो कानून के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न और सामूहिक बलात्कार का दोषी ठहराया। अदालत ने मामले के आरोपियों में से एक को आरोपमुक्त कर दिया।
Bihar's Muzaffarpur shelter home case: The court has listed the matter for argument on quantum of sentence on January 28 https://t.co/pVbhtj1vu6
— ANI (@ANI) January 20, 2020
आश्रय गृह ठाकुर द्वारा चलाया जा रहा था। गौरतलब है कि ठाकुर ने 2000 में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से बिहार पीपुल्स पार्टी (बीपीपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गया था। आरोपियों में 12 पुरुष और आठ महिलाएं शामिल थी।
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यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोसल साइंसेज (टिस) द्वारा 26 मई, 2018 को बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सौंपने के बाद सामने आया था। इस रिपोर्ट में किसी आश्रय गृह में पहली बार नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का खुलासा हुआ था। अदालत ने इस मामले में दोषियों को सजा सुनाने के लिए 28 जनवरी की तारीख तय की है।
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