'मुसलमान पहले भी JDU को वोट नहीं देते थे, और न ही अब देते हैं', नीतीश के करीबी ललन सिंह के बयान पर सियासी बवाल
मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज में जदयू कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने सीएम नीतीश के कार्यकाल के दौरान लागू किए गए कई सुधारों पर प्रकाश डाला, जिनसे अल्पसंख्यक समुदाय को लाभ हुआ है, और उनकी तुलना लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की सरकार के दौरान की स्थितियों से की गई।
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के बयान को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गया है। ललन सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लिए नीतीश सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद, मुसलमान जदयू को वोट नहीं देते हैं। मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज में जदयू कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने सीएम नीतीश के कार्यकाल के दौरान लागू किए गए कई सुधारों पर प्रकाश डाला, जिनसे अल्पसंख्यक समुदाय को लाभ हुआ है, और उनकी तुलना लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की सरकार के दौरान की स्थितियों से की गई।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले पूर्व जदयू अध्यक्ष सिंह ने कहा, ''मुसलमान पहले भी जद-यू को वोट नहीं देते थे, और न ही अब देते हैं।'' उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी युग के दौरान, मदरसा शिक्षक प्रति माह केवल 4,000 रुपये कमाते थे। नीतीश कुमार के नेतृत्व में, उनके वेतन को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप बनाया गया है, जो उनकी वित्तीय स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीएम नीतीश ने उन्नत शिक्षा और कल्याणकारी योजनाओं जैसे उपायों के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के विकास को प्राथमिकता दी है।
हालाँकि, केंद्रीय मंत्री सिंह ने अफसोस जताया कि ये प्रयास नीतीश कुमार या जद-यू के लिए वोटों में तब्दील नहीं हुए हैं। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय की राजनीतिक प्राथमिकताओं की आलोचना करते हुए दावा किया कि जिन पार्टियों का वे समर्थन करते हैं, उन्होंने उनके विकास में योगदान नहीं दिया है। अपनी टिप्पणी में, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनावी गतिशीलता की वास्तविकताओं को पहचानने का आह्वान करते हुए कहा, "किसी भी भ्रम में न रहें कि अल्पसंख्यक समुदाय नीतीश कुमार को वोट देता है।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी के लिए काम करते हैं।
हालांकि, जदयू नेता मोहम्मद जमाल ने केंद्रीय मंत्री सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि बिहार का अल्पसंख्यक समुदाय मुख्यमंत्री नीतीश के साथ मजबूती से खड़ा है। जदयू के अन्य नेता ललन सिंह का बचाव कर रहे हैं। नीरज कुमार के बाद अब अशोक चौधरी ने कहा कि, ललन सिंह के बयान पर विपक्ष जबरदस्ती का विवाद पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार न तो हिंदू है न मुसलमान है, न वह सिख हैं न इसाई है। नीतीश कुमार एक इंसान हैं, जो एक इक्कसवीं सदी के बिहार के निर्माण का सपना देखा और काम कर रहा है।
ललन सिंह के बयान पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि छोड़िए ललन सिंह की बात, हम लोगों के साथ थे तो प्रधानमंत्री और अमित शाह को क्या-क्या बोलते थे। इधर हैं तो इधर की बात करेंगे, उधर हैं तो इधर की बात करेंगे। उनकी अपनी कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है। वहीं, बयान के सफाई में ललन सिंह ने कहा कि कल मुजफ्फरपुर में मैंने कहा कि नीतीश कुमार वोट के लिए काम नहीं करते, वह बिहार की भलाई के लिए काम करते हैं और नीतीश कुमार ने पिछले 19 वर्षों में समाज के हर वर्ग के सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लिए काम किया है और उसी का परिणाम है कि आज बिहार बदल रहा है।
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उन्होंने कहा कि बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग वोट करें या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने और मदरसों की हालत सुधारने के लिए नीतीश कुमार ने जो काम बिहार में किया है वो पूरे देश के किसी भी राज्य में नहीं हुआ है ये पूरी दुनिया में एक मिसाल है।
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