मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला, LK Advani से मुलाकात के बाद बोले Murli Manohar Joshi
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने आडवाणी के आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी और सम्मान पर खुशी जताई। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किये जाने की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्रियों, अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत विभिन्न क्षेत्र के लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाएगा और उन्होंने इसे अपने लिए ‘‘एक अत्यंत भावुक क्षण’’ बताया। आडवाणी (96) यह सम्मान पाने वाले 50वें व्यक्ति हैं। मोदी ने भाजपा के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे आडवाणी के सार्वजनिक जीवन में योगदान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट साझा कर और फिर ओडिशा में एक जनसभा में आडवाणी को सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बताया जिन्होंने परिवारवाद की राजनीति को चुनौती दी और भारत के लोकतंत्र को सर्व-समावेशी और राष्ट्रवादी विचारधारा से जोड़ा। वहीं, पुरस्कार की घोषणा के बाद आडवाणी ने अपने आवास पर दूर से पत्रकारों का अभिवादन किया। उन्होंने एक बयान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया और कहा कि यह एक व्यक्ति के रूप में न केवल उनका, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों का भी सम्मान है जिनका पालन करने का उन्होंने प्रयास किया।
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आडवाणी ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ आज मुझे दिए गए ‘भारत रत्न’ को स्वीकार करता हूं।’’ भाजपा के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे आडवाणी ने कहा, ‘‘14 वर्ष की उम्र में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) में शामिल होने के बाद से जीवन में मुझे जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे निभाते हुए अपने प्रिय देश की समर्पित और निस्वार्थ सेवा करने में ही मुझे खुशी मिली।’’ उन्होंने कहा कि जिस चीज ने उनके जीवन को प्रेरित किया है वह आदर्श वाक्य है: ‘‘यह जीवन मेरा नहीं है। मेरा जीवन मेरे राष्ट्र के लिए है।’’
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने आडवाणी के आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी और सम्मान पर खुशी जताई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किये जाने की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्रियों, अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत विभिन्न क्षेत्र के लोगों ने उन्हें बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषणा किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के शीर्ष नेताओं ने कहा कि आडवाणी हर लिहाज से यह पुरस्कार पाने योग्य हैं और यह राष्ट्र की सेवा के प्रति समर्पित एक ‘‘राष्ट्रीय नायक की जीवनयात्रा’’ का सम्मान है। नेताओं ने सरकार के फैसले के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया।
ओडिशा के संबलपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी ने भी भारत के लोकतंत्र को सर्व-समावेशी और राष्ट्रवादी विचारधाराओं से जोड़ा। उन्होंने कहा कि आडवाणी को भारत रत्न ‘राष्ट्र प्रथम’ की विचारधारा का सम्मान है और देश के करोड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को भी मान्यता है। मोदी ने कहा, ‘‘यह पार्टी की विचारधाराओं और पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के संघर्ष को मान्यता है। यह पार्टी और इसके कार्यकर्ताओं को भी सम्मान है, जो (भाजपा) दो सांसदों की पार्टी से विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई।’’ इससे पहले मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में शामिल आडवाणी का भारत के विकास में महान योगदान है। उन्होंने जीवन की शुरुआत जमीनी स्तर पर काम करने से की औरहमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की।’’
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उन्होंने कहा कि आडवाणी ने अपने सार्वजनिक जीवन में दशकों तक सेवा करते हुए पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता जताई और राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आडवाणी ने राष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। मोदी ने कहा, ‘‘उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।’’
मोदी ने आडवाणी से बात कर उन्हें बधाई दी। आडवाणी को उस समय 90 के दशक में भाजपा के उदय का श्रेय दिया जाता है जब वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकारों की प्रमुख पार्टी के रूप में पहली बार सत्ता में आई थी। मोदी ने कहा कि आडवाणी के संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि वाले रहे हैं। प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद राष्ट्रपति भवन ने एक संदेश जारी कर कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आडवाणी को भारत रत्न प्रदान कर प्रसन्नता हुई। सरकार ने पिछले महीने समाजवादी दिग्गज और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च सम्मान के लिए नामित किया था। कई राजनीतिक विशेषज्ञ ठाकुर के 1988 में निधन के कई वर्षों बाद उन्हें यह सम्मान दिए जाने को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के बीच अपनी जड़ें मजबूत करने की भाजपा की कोशिश के रूप में देख रहे हैं, वहीं आडवाणी को यह सम्मान दिया जाना पार्टी की मूल विचारधारा को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति सम्मान के तौर पर देखा जा रहा है। आडवाणी को उसी वर्ष भारत रत्न दिया जाएगा, जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई है।
आडवाणी ने राम मंदिर के मुद्दे को उठाने के लिए 1990 में ‘राम रथ यात्रा’ की थी। गृह मंत्री अमित शाह ने आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हमारे वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की घोषणा से अत्यंत प्रसन्नता हुई।’’ उन्होंने कहा कि आडवाणी आजीवन निःस्वार्थ भाव से देश और देशवासियों की सेवा के प्रति समर्पित रहे हैं और उन्होंने देश के उपप्रधानमंत्री जैसे विभिन्न संवैधानिक दायित्व निभाते हुए अपने दृढ़ नेतृत्व से देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि आडवाणी राजनीति में शुचिता, समर्पण और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आडवाणी जी ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में अनेक भूमिकाएं निभाते हुए देश के विकास और राष्ट्रनिर्माण में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया है, वह अविस्मरणीय और प्रेरणास्पद है।’’ आडवाणी के करीबी सहयोगी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में ‘भारत रत्न’ दिया गया था। इससे पहले भारत रत्न से नवाजी गई हस्तियों में जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, जाकिर हुसैन, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, के. कामराज, मदर टेरेसा, विनोबा भावे, एम जी रामचंद्रन, बी.आर. आंबेडकर, नेल्सन मंडेला, राजीव गांधी, वल्लभभाई पटेल, मोरारजी देसाई, सत्यजीत रे, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जयप्रकाश नारायण, अमर्त्य सेन, सचिन तेंदुलकर और प्रणब मुखर्जी शामिल हैं।
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