ताज की खूबसूरती को और निखारने की तैयारी, दिया जाएगा मडपैक ट्रीटमेंट, मुख्य गुंबद भी चमकेगा

Taj Mahal

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ताजमहल में मडपैक ट्रीटमेंट करीब छह महीने तक चलेगा। जिसके माध्यम से संगमरमरी ताजमहल की दीवारों को फिर से चमकाया जाएगा।

आगरा। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल की चमक को और भी ज्यादा निखारने के लिए मडपैक ट्रीटमेंट देने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि शाहजहां ने मुमताज के प्यार में ताजमहल को बनवाया था। तब से ताजमहल की रौनक दूर-दूर से सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। हालांकि ताजमहल को जो मडपैक ट्रीटमेंट दिया जाना था उसमें काफी देरी हो चुकी है। पहले साल 2020 में ऐसा होने वाला था। लेकिन अक्टूबर में अब इसके शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। 

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक ताजमहल में मडपैक ट्रीटमेंट करीब छह महीने तक चलेगा। जिसके माध्यम से संगमरमरी ताजमहल की दीवारों को फिर से चमकाया जाएगा। आपको बता दें कि अभी तक ताजमहल के मुख्य गुंबद को मडपैक ट्रीटमेंट नहीं दिया गया है ऐसे में इस बार मुख्य गुंबद का भी ट्रीटमेंट होगा।

क्या है मडपैक ट्रीटमेंट ?

मडपैक ट्रीटमेंट को आप इस तरह से समझ सकते है कि जिस तरह से महिलाएं अपनी त्वचा को निखारने के लिए फेशियल कराती हैं उसी प्रकार ताजमहल की संगमरमरी दीवारों और गुंबद को निखारा जाता है। दरअसल, मडपैक ट्रीटमेंट में मुल्तानी मिट्टी के लेप का इस्तेमाल होता है। मुल्तानी मिट्टी के लेप को स्मारक की सतह पर लगाया जाएगा और फिर इसके सूखने का इंतजार किया जाता है। ऐसे में यह स्मारक की सतह पर मौजूद धूल कणों और दाग-धब्बों को सोख लेगा। जिसके बाद डिस्टिल वाटर से इसे धोया जाता है। 

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहली बार 1994 में मडपैक ट्रीटमेंट दिया गया था। उसके बाद 2001, 2008 में किया गया था लेकिन मई 2014 में तो सैलानियों द्वारा आतंरिक दीवारों थूके गए पान और गुटखा की पीक को छुटाने के लिए किया गया था। हालांकि आखिरी बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से पहले साल 2019 में मडपैक ट्रीटमेंट दिया गया था।

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