MP Jitendra Singh ने फरीदाबाद में India International Science Fest का किया उद्घाटन

Dr Jitendra Singh
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मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पांच क्रांतिकारी निर्णय लिए गए जिनमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिये अंतरिक्ष सुधार, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, अनुसंधान-राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन, राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति शामिल है।

फरीदाबाद। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को वैज्ञानिकों से भारतीय समस्याओं का भारतीय समाधान खोजने का आह्वान किया क्योंकि देश विकसित और वैज्ञानिक रूप से उन्नत देशों की अग्रिम पंक्ति में शुमार है। यहां नौवें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) का उद्घाटन करते हुए सिंह ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-तीन की सफल लैंडिंग, कोविड-19 के खिलाफ पहले डीएनए टीके और अरोमा मिशन का जिक्र किया जो पिछले दशक के दौरान विज्ञान के क्षेत्र में भारत के उदय को दर्शाते हैं। 


चार दिवसीय (17 से 20 जनवरी) आईआईएसएफ का यहां ‘ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई)-रीजनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरसीबी)’ के परिसर में आयोजन किया जा रहा है। अपने संबोधन में सिंह ने कहा, ‘‘ वर्ष 2024 का भारत एक बड़ी छलांग लगाने और अपने वैज्ञानिक कौशल और अपनी तकनीकी क्षमता के उत्थान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार है।’’ सिंह ने वैज्ञानिकों से भारतीय समस्याओं का भारतीय समाधान खोजने का आग्रह किया और कहा कि अब समय आ गया है कि देश अन्य देशों का अनुसरण करने के बजाय नेतृत्व करे। 

 

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मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पांच क्रांतिकारी निर्णय लिए गए जिनमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिये अंतरिक्ष सुधार, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, अनुसंधान-राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ), राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) शामिल है। उन्होंने कहा कि इन फैसलों से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में काफी मदद मिलेगी। सिंह ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था फिलहाल आठ अरब अमेरिकी डॉलर की है और वर्ष 2040 तक इसके 40 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की शुरुआत 2015 में हुई। 

 

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इसका आयोजन विज्ञान भारती द्वारा केंद्र सरकार के विभागों और हरियाणा सरकार के समर्थन से किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम में हरियाणा के मंत्री मूलचंद शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार एके सूद, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव राजेश गोखले, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभय करंदीकर, पृथ्वी विज्ञान के सचिव एम रविचंद्रन, गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) विज्ञान भारती के आयोजन सचिव शिव कुमार शर्मा, सीएसआईआर के महानिदेशक एन कलाईसेल्वी उपस्थित थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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