विवादों से दूर, ईमानदारी से काम करने में विश्वास रखते हैं सांसद डॉ सत्यनारायण जटिया
कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बच्चे के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही थी। बच्ची के साथ तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने बच्ची को अपना खास दोस्त बताया था। यह बच्ची कोई और नहीं बल्कि के उज्जैन के राज्यसभा सांसद डॉ सत्यनारायण जटिया की पोती थी।
कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बच्चे के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही थी। बच्ची के साथ तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने बच्ची को अपना खास दोस्त बताया था। यह बच्ची कोई और नहीं बल्कि के उज्जैन के राज्यसभा सांसद डॉ सत्यनारायण जटिया की पोती थी। इस तस्वीर के बाद डॉ सत्यनारायण जटिया ने खूब सुर्खियां बटौरी थी। डॉ सत्यनारायण जटिया विवादों से दूर रहने वाले व्यक्ति है और अपना कार्य को इमानदारी से करने में विश्वास रखते हैं। डॉ सत्यनारायण जटिया का जन्म 4 फरवरी को 1946 में हुआ था। आज हम आपको सांसद के जीवन से जुड़ी कुछ बातों को बताने जा रहे हैं।
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राजनीतिक सफर
- डॉ सत्यनारायण जटिया (जन्म 4 फरवरी 1946) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं।
- वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में उज्जैन से सात बार लोकसभा के लिए चुने गए, और राज्यसभा में एक कार्यकाल (2014-2020) में सेवा की।
- वह 1999 से 2004 तक वाजपेयी की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और उन्होंने श्रम और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभागों को संभाला था।
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प्रारंभिक जीवन
1946 में मध्य प्रदेश के नीमच जिले के जवाद में जन्मे उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से बीएससी, एमए, एलएलबी, पीएचडी की पढ़ाई की। उन्होंने 1972 में राजनीति में प्रवेश किया और आपातकाल के दौरान उन्हें मीसा के तहत हिरासत में लिया गया। वे 1977 में मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए। बाद में वे उज्जैन से 7वीं (1980), 9वीं (1989), 10वीं, 11वीं, 12वीं, 13वीं और 14वीं (2004-2009) लोकसभा के लिए चुने गए। वह एक कवि भी हैं और उनकी कविताओं का संग्रह अलख 1995 में प्रकाशित हुआ था।
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