मप्र: परिवहन विभाग के ‘करोड़पति’पूर्व आरक्षी पर नौकरी के लिए तथ्य छिपाने का मामला दर्ज

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अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर में लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ से जुड़े विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 2.87 करोड़ रुपये नकद और कीमती धातुओं सहित करीब आठ करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।

मध्यप्रदेश परिवहन विभाग के एक पूर्व आरक्षी पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के लिए झूठे दावा करने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि पूर्व आरक्षी को हाल ही में उसके घर से करोड़ों रुपये की नकदी बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

सौरभ शर्मा, पिछले वर्ष उस समय सुर्खियों में आया था, जब लोकायुक्त और आयकर विभाग ने उसके आवास से करोड़ों रुपये नकदी बरामद की थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गयी।

उन्होंने बताया कि सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा ने 2015 में उसके पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर विभाग में नौकरी पाने के लिए दायर हलफनामे में झूठ बोला था। सौरभ के पिता एक सरकारी चिकित्सक थे।

अधिकारी ने बताया कि सौरभ ने दावा किया था कि उसके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है लेकिन उन्होंने यह तथ्य छिपाया कि सौरभ का बड़ा भाई छत्तीसगढ़ सरकार का कर्मचारी था। उन्होंने बताया कि सौरभ और उसकी मां के खिलाफ धोखाधड़ी व लोक सेवक को शपथ दिलाकर झूठा बयान देने के आरोप में सिरोल थाने में मामला दर्ज किया गया।

अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर में लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ से जुड़े विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 2.87 करोड़ रुपये नकद और कीमती धातुओं सहित करीब आठ करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा आयकर विभाग ने भोपाल के बाहरी इलाके में एक कार से 10 करोड़ रुपये से अधिक नकद और 50 किलोग्राम से अधिक सोना जब्त किया। अधिकारी ने बताया कि यह मामला भी शर्मा के मामले से जुड़ा था, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी आरोपी के परिसरों पर छापेमारी की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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