मध्य प्रदेश के 3 मंत्री रुझानों में चल रहे हैं पीछे, सिंधिया के प्रभाव वाली 7 सीटों पर कांग्रेस आगे

Kamal Nath

यह चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया बनाम कमलनाथ समर्थकों के बीच में हुआ था। ऐसे में सिंधिया के प्रभाव वाली 20 सीटों में से 12 पर भाजपा उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम शाम तक स्पष्ट हो जाएंगे कि किसे कितनी सीटें मिल रही हैं। फिलहाल जो रुझान सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक भाजपा 20 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि कांग्रेस 7 पर और बसपा एक सीट पर लीड बनाए हुए हैं। भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद ही पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार गिर गई थी और फिर चौथी बार शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की सत्ता संभाली थी। 

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यह चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया बनाम कमलनाथ समर्थकों के बीच में हुआ था। ऐसे में सिंधिया के प्रभाव वाली 20 सीटों में से 12 पर भाजपा उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। जबकि 7 सीटों पर कांग्रेस और एक सीट पर बसपा आगे चल रही है।

वहीं, ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों की बात की जाए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 6 उम्मीदवार पीछे चल रहे हैं। जिनमें मुरैना से रघुराज सिंह कंसाना, अंबाह से कमलेश जाटव, करैरा से जसवंत जाटव,मेहगांव से ओपीएस भदौरिया, दिमनी से गिर्राज दंडोतिया, भांडेर से रक्षा संतराम। ग्वालियर-चंबल इलाके की 16 सीटों में सिंधिया खेमे के 2 मंत्री भी शामिल हैं जो पीछे चल रहे हैं। 

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14 सीटों पर मंत्रियों की किस्मत का होगा फैसला

सिंधिया खेमे के 14 मंत्री चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अगर उनकी बात की जाए तो 14 में से 3 मंत्री पीछे चल रहे हैं। उनमें मेहगांव से भाजपा उम्मीदवार ओपीएस भदौरिया, दिमनी से गिर्राज दंडोतिया और सुमावली से एंदल सिंह कंषाना पीछे चल रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। जिसकी वजह से कमलनाथ सरकार गिर गई। बाद में 3 और विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था और 3 सीटें विधायकों के निधन के बाद खाली हुईं थीं जहां पर उपचुनाव हो रहे हैं। अगर हम उन 22 विधायकों की बात करें तो इनमें से 20 विधायक सिंधिया गुट के और एक-एक दिग्विजय सिंह और अरुण यादव खेमे के थे।

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