मोदी बृहस्पतिवार को मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ करेंगे, किसानों के लिए ऐप भी करेंगे लांच
पीएमएमएसवाई मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित और सतत विकास योजना है। जिसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत वित्त वर्ष 2020-2021 से 2024-2025 की अवधि के दौरान सभी राज्यों में कार्यान्वित किया जाना है। इस योजना में 20,050 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश होना है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि पीएमएमएसवाई मछली पालन क्षेत्र में ‘रूपांतरकारी बदलाव’ लेकर आएगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के बनाने के प्रयासों को मजबूती देगा। उन्होंने कहा, ‘‘पीएमएमएसवाई के फायदों में मछली पालन क्षेत्र में आलोचनात्मक कमियों का समाधान देना, इस क्षेत्र को आधुनिक तकनीक से लैस करना और उसका मूल्य संवर्धन करना, आलोचनात्मक अधोसंरचना का उन्नयन, मछली पालन से जुड़े लोगों के कल्याण को बल देना और रोजगार का निर्माण शामिल है।’’ पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपये का निवेश मत्स्य क्षेत्र में होने वाला सबसे ज्यादा निवेश है। इसमें से लगभग 12,340 करोड़ रुपये का निवेश समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी केन्द्रित गतिविधियों पर तथा 7,710 करोड़ रुपये का निवेश फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रस्तावित है। पीएमओ के मुताबिक, इस योजना के उद्देश्यों में 2024-25 तक मछली उत्पादन अतिरिक्त 70 लाख टन बढ़ाना, 2024-25 तक मछली निर्यात से आय 1,00,000 करोड़ रुपये तक करना, मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय दोगुनी करना, पैदावार के बाद नुकसान 20-25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करना तथा मत्स्य पालन क्षेत्र और सहायक गतिविधियों में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करना शामिल हैं।Tomorrow, 10th September, the e-Gopala App would be launched. This offers an extensive breed improvement marketplace and information portal for our hardworking farmers. This is an innovative effort, that will greatly benefit the agriculture sector.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 9, 2020
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बिहार में पीएमएमएसवाई योजना के लिए 535 करोड़ रुपये की केन्द्र की हिस्सेदारी के साथ 1390 करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी है। इसके तहत राज्य में 3 लाख टन अतिरिक्त मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री इस अवसर पर सीतामढ़ी में मछली ब्रूड बैंक और किशनगंज में एक्वैटिक डिजीज रेफरल प्रयोगशाला की स्थापना की घोषणा करेंगे, जिसके लिए पीएमएमएसवाई के तहत सहायता प्रदान की गई है। नीली क्रांति के तहत बिहार के ही मधेपुरा में फिश फीड मिल की एक इकाई और पटना में फिश ऑन व्हील्स की दो इकाइयों का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री के हाथों होगा। वे इस अवसर पर लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे। इन सब के अलावा प्रधानमंत्री डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में व्यापक मछली उत्पादन प्रौद्योगिकी केंद्र, पूर्णिया में ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ के तहत स्थापित अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त वीर्य केंद्र (सीमेन स्टेशन), पटना स्थित पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में स्थापित आईवीएफ लैबसहित कुछ अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। बयान में बताया गया कि वर्तमान में देश में पशुधन का प्रबंधन करने वाले किसानों के लिए ऐसा कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं है, जहां सभी रूपों (वीर्य, भ्रूण, आदि) में रोग मुक्त जीवाणु (जर्मप्लाज्म) खरीदना और बेचना, गुणवत्तापूर्ण प्रजनन सेवाओं की उपलब्धता और पशु पोषण के लिए किसानों को मार्गदर्शन या जानकरी मिलती हो। ई-गोपाला एप इन सभी पहलुओं पर किसानों को समाधान प्रदान करेगा।
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