10 देशों के साथ कार्यशाला में बोले मोदी, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आपसी सहयोग बहुमूल्य सीख है
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान दिखाई गई क्षेत्रीय एकजुटता ने साबित किया है कि ऐसा सहयोग संभव है। मोदी ने कहा कि खुलेपन और दृढ़ता की वजह से यह क्षेत्र पूरे विश्व में सबसे कम मृत्यु दर बनाए रखने में सफल हुआ।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान दिखाई गई क्षेत्रीय एकजुटता ने साबित किया है कि ऐसा सहयोग संभव है। मोदी ने कहा कि खुलेपन और दृढ़ता की वजह से यह क्षेत्र पूरे विश्व में सबसे कम मृत्यु दर बनाए रखने में सफल हुआ। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र के जनसंख्या घनत्व को देखते हुए महामारी को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं जताई थीं लेकिन इसके बावजूद विश्व के अन्य देशों के मुकाबले इस क्षेत्र में मृत्यु दर सबसे कम रही। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व और पूरे क्षेत्र की उम्मीदें अब टीकों की तेज गति से उपलब्धता पर टिकी हुई हैं और सभी को इस सहयोगात्मक भावना को बरकरार रखना चाहिए।Hopes of our region & world are focus on rapid deployment of vaccines. In this too, we must maintain same cooperative & collaborative spirit. Over the past year, our health cooperation has achieved so much: PM address workshop on Covid-19 Management with 10 neighbouring countries pic.twitter.com/t83Nq04V4u
— ANI (@ANI) February 18, 2021
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स्वास्थ्य के क्षेत्र में इन देशों के बीच सहयोग की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि अब लक्ष्यों को और आगे बढ़ाने की जरूरत है। सहयोग की भावना को आगे बढ़ाने के सिलसिले में उन्होंने कई अहम सुझाव भी दिए। उन्होंने स्वास्थ्यकालीन आपातकाल की स्थिति में चिकित्सकों और नर्सों के आवागमन के लिए विशेष वीजा योजना बनाए जाने, कोविड-19 के टीकों के प्रभाव को लेकर एक क्षेत्रीय मंच बनाने और अन्य देशों द्वारा भारत में चलाई जा रही आयुष्मान भारत और जन औषधि योजनाओं को ‘‘केस स्टडी’’ के रूप में आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।
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