"घोड़ों की दौड़ के लिए गधा मिल रहा है..." राहुल गांधी मामले में मोदी के मंत्री हरदीप सिंह पुरी का तंज
हरदीप पुरी ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि मैं माफी नहीं मांगूंगा क्योंकि सावरकर नहीं हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपको पता है कि सावरकर जी का क्या योगदान रहा है? यह उसी तरह है जैसे कि घोड़ों के साथ एक गधे की दौड़ हो रही हो।
मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से मिली 2 साल की सजा के बाद लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इसके बाद से कांग्रेस जबरदस्त तरीके से मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस और मोदी सरकार को तानाशाह बता रही है। आज काले कपड़े पहनकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राहुल गांधी और कांग्रेस को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तंज भरे लहजे में साफ तौर पर कहा कि घोड़ों के साथ गधों की दौड़ कराई जा रही है। दरअसल, संसद भवन के बाहर हरदीप सिंह पुरी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनसे इसको लेकर सवाल पूछा गया। हरदीप पुरी ने कहा कि कहां भगवान राम है और कहां के लोग हैं।
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हरदीप पुरी ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि मैं माफी नहीं मांगूंगा क्योंकि सावरकर नहीं हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपको पता है कि सावरकर जी का क्या योगदान रहा है? यह उसी तरह है जैसे कि घोड़ों के साथ एक गधे की दौड़ हो रही हो। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इन लोगों को गंभीरता से आत्ममंथन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की मेलोड्रामा करने की जरूरत नहीं है। देश की जनता समझदार है और इसका फैसला खुद करेगी। उन्हें कोर्ट की ओर से सजा दी गई है और इस प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। आप महाभारत और सावरकर के बात क्यों कर रहे हैं।
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को 7 जन्म लेना पड़ेगा तब वीर सावरकर को जान पाएंगे। सावरकर ने अपनी पूरी जिंदगी सेलुलर जेल में काटी, क्या वे कभी सेलुलर जेल गए हैं? राहुल गांधी एक बार सेलुलर जेल जा के देखें तब उन्हें पता चलेगा कि सावरकर क्या है? केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी सावरकर कभी नहीं हो सकते। सावरकर जी कभी 6 महीने विदेश घुमने नहीं जाते थे। उन्होंने कहा कि हर सत्र के बाद उन्हें छुट्टी नहीं चाहिए होती थी, वे आज़ादी के लिए समर्पित थे। वीर सावरकर का तो अपना किया ही लेकिन नेहरू जी और इंदिरा गांधी का ही सम्मान बचा लेते।
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