अब ड्राइविंग के दौरान इस्तेमाल कर सकेंगे मोबाइल फोन लेकिन होगी ये शर्त! 1 अक्टूबर से लागू होंगे कई नियम
मंत्रालय ने कहा कि उसने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के तहत नियमों में संशोधन किया है, ताकि सरकार द्वारा बनाए गए एक वेब पोर्टल के माध्यम से लाइसेंस, पंजीकरण दस्तावेज, फिटनेस प्रमाण पत्र, परमिट, जैसे अन्य महत्वपूर्ण वाहन दस्तावेजों के रख रखाव की सुविधा प्रदान की जा सके।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूरी तरह से वाहन चलाते समय किया जा सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल केवल रूट्स नैविगेशन (Routes Navigation) के लिए ही होना चाहिए। वहीं गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करना-1,000- fine 5,000 का जुर्माना भी लग सकता है।मंत्रालय ने कहा कि उसने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के तहत नियमों में संशोधन किया है, ताकि सरकार द्वारा बनाए गए एक वेब पोर्टल के माध्यम से लाइसेंस, पंजीकरण दस्तावेज, फिटनेस प्रमाण पत्र, परमिट, जैसे अन्य महत्वपूर्ण वाहन दस्तावेजों के रख रखाव की सुविधा प्रदान की जा सके। इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल का इस्तेमाल कंपाउंडिंग, इंपाउंडिंग, एंडोर्समेंट बनाने, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन रद्द करने और ई-चालान जारी करने सहित अन्य अपराधों की रिकॉर्डिंग के लिए भी किया जाएगा।
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इन नियमों को 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा, मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम के एक भाग के रूप में, जो एक साल पहले लागू हुआ था, परिवहन नियमों को फिर से सुधारने और यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए भारी दंड जैसे कदमों के माध्यम से सड़क सुरक्षा में सुधार, आदि के लिए इस अधिनियम में कई बदलाव किए गए है।एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "आईटी सेवाओं और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के इस्तेमाल से देश में यातायात नियमों का बेहतर प्रवर्तन होगा।"
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डिस्क्वालाईफाई किए गए ड्राइविंग लाइसेंस का विवरण पोर्टल में कालक्रम के अनुसार दर्ज किया जाएगा, जो अधिकारियों को ड्राइवर के व्यवहार की निगरानी करने में मदद करेगा। नियमों के अनुसार, किसी भी वाहन से संबंधित दस्तावेज को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मान्य कर दिया गया हो तो पुलिस अधिकारी इसकी फिजिकल कॉपी नहीं मांग सकेंगे। इसमें ऐसे मामले शामिल होंगे जहां ड्राइवर अपराध करता है जो ऐसे किसी भी दस्तावेज को जब्त करने की मांग करेगा। इस तरह के जब्ती को इलेक्ट्रॉनिक रूप से वेब पोर्टल पर करना होगा और जब्त दस्तावेजों का विवरण कालानुक्रमिक रूप से दर्ज किया जाएगा। इस तरह के रिकॉर्ड पोर्टल पर नियमित रूप से दिखाई देंगे। किसी भी दस्तावेज की मांग या निरीक्षण करने पर तारीख और समय की मुहर या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी को पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। इससे वाहनों की बेवजह चेकिंग या जांच करने का बोझ कम होगा और ड्राईवरों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा।
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