मेघवाल ने एआई के कारण उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत कानूनी ढांचे के महत्व पर चर्चा की

Arjun Ram Meghwal
ANI

कानून मंत्री ने कहा, ‘‘हम उन्नत उद्योग के युग में प्रवेश कर चुके हैं और हम इस चरण से पीछे नहीं जा सकते। समय की मांग है कि मानवीय चेतना को बरकरार रखते हुए आधुनिक उपकरणों के साथ आगे बढ़ा जाए।’’

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को कृत्रिम मेधा (एआई) प्रौद्योगिकियों के कारण उत्पन्न नैतिक, नियामक और शासन संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।

कानून मंत्री ने कहा, ‘‘हम उन्नत उद्योग के युग में प्रवेश कर चुके हैं और हम इस चरण से पीछे नहीं जा सकते। समय की मांग है कि मानवीय चेतना को बरकरार रखते हुए आधुनिक उपकरणों के साथ आगे बढ़ा जाए।’’

मेघवाल यहां भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश दिवंगत न्यायमूर्ति मदन मोहन पुंछी की स्मृति में आयोजित चौथे स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। यहां जारी एक बयान के मुताबिक, इस कार्यक्रम का विषय ‘मौजूदा कानूनी ढांचे के माध्यम से कृत्रिम मेधा द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपटना’ था।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण पल्ली ने अपने संबोधन में न्यायिक परिप्रेक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया तथा एआई द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए उपलब्ध मौजूदा कानूनी साधनों के साथ-साथ उन संभावित कमियों पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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