Maharashtra में सियासत का मेगा शो, Pawar vs Pawar में असली पावर किसके पास
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने MET बांद्रा में सभी NCP सांसदों, विधायकों, MLC, जिला प्रमुखों और राज्य प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है, जबकि शरद पवार ने YB चव्हाण सभागार में सभी सदस्यों की बैठक बुलाई है।
जैसे-जैसे महाराष्ट्र का राजनीतिक ड्रामा बढ़ता जा रहा है, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विभाजित गुट बुधवार को अपना शक्ति प्रदर्शन करने में जुटे हैं। आज दोनों गुट की ओर से विधायकों की बैठक बुलाई गई है। एक ओर शरद पवार का गुट है तो दूसरी ओर अजित पवार का गुट है। अलग-अलग बैठकें 'असली' एनसीपी की लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ हो सकती हैं। शरद पवार ने सोमवार को सांसद सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को "पार्टी विरोधी गतिविधियों" के लिए निष्कासित कर दिया। एनसीपी के नौ अन्य नेता भी मंत्री के रूप में महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं।
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उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने MET बांद्रा में सभी NCP सांसदों, विधायकों, MLC, जिला प्रमुखों और राज्य प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है, जबकि शरद पवार ने YB चव्हाण सभागार में सभी सदस्यों की बैठक बुलाई है। NCP शरद पवार गुट की फौज़िया खान ने कहा कि मुझे लगता है इस देश की जनता NCP के पवार साहेब(शरद पवार) के साथ है। वे(NCP अजीत पवार गुट) क्या कह रहे हैं मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। अजित पवार के साथ जुड़ने वाले विधायकों की संख्या पर एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमारे पास सभी हैं, चिंता करने कोई बात नहीं है। आनंद परांजपे(अजीत पवार गुट) ने कहा कि मैं शुरू से ही अजीत पवार के साथ हूं। जो विधायक अजीत पवार के साथ हैं वे यहां थोड़ी देर में ही पहुंचेंगे।
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क्या हुआ है
अजीत पवार खेमे ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से राज्य राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल और जितेंद्र अवहाद को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने के लिए भी कहा है। शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक याचिका दायर की है जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजीत पवार और आठ अन्य विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। इससे पहले 2 जुलाई को, अजीत पवार महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन में शामिल हो गए और एक आश्चर्यजनक और नाटकीय राजनीतिक कदम में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जिसने अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में राजनीतिक समीकरण बदल दिए।
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