मेरठ,करोड़ों के घोटाले में सीएईएचएस कालेज का मालिक गिरफ्तार

सीएईएचएस कालेज का मालिक गिरफ्तार
राजीव शर्मा । Dec 18 2021 11:27AM

रुड़की रोड स्थित एप्लाइड एजुकेशन हेल्थ साइंसेज कालेज (सीएईएचएस) के मालिक सत्यपाल सिंह देशवाल के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे में कोर्ट से वारंट जारी हुआ था। शनिवार को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। मेडिकल पुलिस ने कालेज से उठाया।

मेरठ, पल्लवपुरम थाने के रुड़की रोड स्थित एप्लाइड एजुकेशन हेल्थ साइंसेज कालेज (सीएईएचएस) के मालिक सत्यपाल सिंह देशवाल को मेडिकल पुलिस ने कालेज से गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे में कोर्ट से वारंट जारी हुआ था। थाने पहुंचते ही आरोपी ने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। शनिवार यानि आज आरोपी को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी।

पल्लवपुरम में कैश कॉलेज के मालिक डा. एसपीएस देशवाल को मेडिकल पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। रुड़की रोड पर उनका कालेज है और डा. देशवाल के खिलाफ पल्लवपुरम थाने में मुकदमा अपराध संख्या 59/15 दर्ज कराया गया था। धोखाधड़ी समेत दस्तावेजों की जालसाजी के मामले में डा. देशवाल के गैर जमानती वारंट कोर्ट की ओर से जारी किए गए थे। चूंकि आरोपी शास्त्रीनगर का रहने वाला है, इसलिए मेडिकल पुलिस ने धरपकड़ की। 

दरहसल,घटनाक्रम साल 2004 का है। उप आवास आयुक्त/ सब रजिस्ट्रार के पद पर रहते हुए इंद्रप्रस्थ एस्टेट सहकारी आवास समिति लिमिटेड मेरठ की 52 एकड़ जमीन पर भूमाफिया से साठ-गांठ कर समिति को हाईजैक कराकर लगभग 250 से 300 करोड़ का घोटाला करने का आरोप है। इस आवास समिति पर सत्यपाल सिंह देशवाल, राजमोहन, आरपीएस चौधरी कब्जा कराने के उद्देश्य से साल 2004 में तत्कालीन सहकारी अधिकारी आवास राज कुमार के साथ मिलीभगत कर षडयंत्र रचा। इसके बाद इस आवास समिति का फेक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वनाकर जारी कर दिया। जबकि 18 मार्च 1985 में इस समिति का संख्या 914 पर रजिस्ट्रेशन हुआ था। 2015 में कोर्ट के आदेश पर डोरली निवासी किसान बिजेंद्र सिंह की तरफ से पल्लवपुरम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में लखनऊ के गोमतीनगर आवास से पूर्व सहायक आवास आयुक्त वीके चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

2015 के मुकदमे में वादी पक्ष ने सत्यपाल सिंह देशवाल को फर्जी सोसायटी और सचिव बताया था। इस मामले में 2018 में उप आवास आयुक्त वीके चौधरी को जेल भेज दिया था। उनका आरोप पत्र भी निरस्त कर दिया था। उस मामले में ही सत्यपाल सिंह देशवाल के खिलाफ चार्जशीट भेज दी गई थी, जिसमें हाईकोर्ट से स्टे चल रहा था। स्टे की अवधि छह माह पूरे होने पर कोर्ट से वारंट जारी हो गया था। उसके लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी।

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