मनसुख हिरन मौत मामला: ATS को हत्या की शंका, वाजे ने दायर की अग्रिम जमानत याचिका
मनसुख हिरन मौत मामले में विवादों में घिरे पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का नाम सामने आने के बाद उन्होंने ठाणे की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। वाजे ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-438 के तहत ठाणे के जिला सत्र न्यायालय में याचिका दायर की है।
व्यापारी मनसुख हिरन की मौत का मामला का रहस्य लगातार गहरा होता जा रहा है। मुंबई पुलिस इसकी लगातार जांच कर रही है। इन सबके बीच मौत की जांच कर रही एटीएस टीम ने यह माना है कि मनसुख हिरन की हत्या की गई है। दूसरी ओर इस मौत के बाद विवादों में घिरे पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर दी है। हिरन के चेहरे से जांचकर्ताओं को एक मास्क और कुछ रुमाल मिले थे। जब उसका शरीर नाले के पास पाया गया था तो पेट में पानी नहीं थी, शरीर पर रेत का कोई भी निशान नहीं था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बाएं नथुने और कंधे पर चोट के निशान से इस बात की शंका और गहरी हो रही है कि हिरन की हत्या की गई थी। उसके बाद से यह सोच कर उसे नाले में फेंक दिया गया था कि तेज बहाव के कारण शव अरब सागर में चला जाएगा। एक एटीएस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने हिरन के अंतिम स्थान की पहचान कर ली है, जहां से वह रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था।
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पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की
मनसुख हिरन मौत मामले में विवादों में घिरे पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का नाम सामने आने के बाद उन्होंने ठाणे की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। वाजे ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-438 के तहत ठाणे के जिला सत्र न्यायालय में याचिका दायर की है। इस धारा के तहत कोई भी व्यक्ति किसी मामले में गिरफ्तारी की आशंका होने पर अग्रिम जमानत का अनुरोध कर सकता है। सत्र न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की तारीख 19 मार्च तय की है और जांच अधिकारी को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। इससे पहले हिरन की पत्नी ने वाजे पर उनके पति की संदिग्ध मौत में संलिप्त होने का आरोप लगाया है। हिरन का शव पांच मार्च को ठाणे के एक नाले में पाया गया था। हिरन ने दावा किया था कि कार उनकी है लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी। इस मामले में उस समय पेंच आया जब पांच मार्च को ठाणे में एक नदी किनारे हिरन मृत पाए गए थे। हिरन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वाजे को दी थी और उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी। हालांकि, वाजे ने इससे इनकार किया है। आपको बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी कार मिली थी।
वाजे का सीएफसी में तबादला
अपराध शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे का तबादला नागरिक सुविधा केन्द्र (सीएफसी)में कर दिया गया है। सीएफसी शहर पुलिस की एक इकाई है। मनसुख हिरन की मौत के मामले में वाजे का नाम सामने आने के बाद उनका तबादला किया गया है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुम्बई स्थित घर के बाहर 25 फरवरी को एक वाहन में विस्फोटक पदार्थ मिला था। वह वाहन हिरन का था। ठाणे में हिरन का शव मिलने के बाद मामले में रहस्य और गहरा गया था। हिरन की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति ने नवम्बर में वाजे को अपनी कार दी थी, जिसे मुम्बई अपराध शाखा में तैनात रहे अधिकारी ने फरवरी के पहले सप्ताह में लौटाया था। सचिन वाजे को बुधवार को अपराध खुफिया इकाई से हटा दिया गया था। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सीएफसी वह इकाई है जो पासपोर्ट, विभिन्न लाइसेंस और अन्य जन संबंधित सेवाओं के लिए पुलिस की सहमति प्रदान करती है। मामले की जांच कर रहे महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने इस सप्ताह की शुरुआत में वाजे का बयान दर्ज किया था। वहीं, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को घोषणा की थी कि सचिन वाजे को अपराध खुफिया इकाई से तब तक के लिए हटा दिया गया है जब तक कि ऑटोमोबाइल पार्ट्स के व्यवसायी मनसुख हिरन की रहस्यमयी मौत की जांच पूरी नहीं हो जाती है। अधिकारियों ने बताया कि वाजे को 2004 में ख्वाजा यूनुस की कथित तौर पर हिरासत में मौत के मामले में निलंबित भी किया गया था। 2020 में उनकी सेवाएं बहाल की गई और वह मुम्बई अपराध शाखा की सीआईयू इकाई का नेतृत्व कर रहे थे।
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वाजे का दावा, मनसुख हिरन की कार का नहीं किया था इस्तेमाल
सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे ने इनकार किया है कि वह मनसुख हिरन की स्कॉर्पियो कार का उपयोग कर रहे थे। महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर रही एटीएस ने इस सप्ताह की शुरुआत में वाजे का बयान दर्ज किया था। हिरन की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति ने नवंबर में वाजे को अपनी कार दी थी, जिसे मुंबई अपराध शाखा में तैनात रहे अधिकारी ने फरवरी के पहले सप्ताह में लौटाया था। दुसरी ओर, विस्फोटक मामले को लेकर एटीएस और एनआईए की कई टीमों ने शुक्रवार को ठाणे में कार्रवाई की।
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