Delhi excise policy case: मनीष सिसोदिया का और लंबा हुआ इंतजार, अब 5 अगस्त को होगी सुनवाई
सिसोदिया ने यह कहते हुए जमानत मांगी कि वह 16 महीने से हिरासत में हैं और पिछले साल अक्टूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। ईडी ने उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा। शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को गुरुवार, 1 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है। इस बीच, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने जवाब दाखिल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई का जवाब रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया।
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सिसोदिया ने यह कहते हुए जमानत मांगी कि वह 16 महीने से हिरासत में हैं और पिछले साल अक्टूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई की। शीर्ष अदालत 16 जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा था।
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आप नेता को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने उन्हें पिछले साल 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने पिछले साल 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। सिसोदिया की याचिका में कहा गया है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए कानून अधिकारी ने 4 जून को शीर्ष अदालत को बताया था कि मुख्य उत्पाद शुल्क नीति मामले और जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में क्रमशः आरोप पत्र और अभियोजन शिकायत दायर की जाएगी।
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