महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले बोले- छात्रों को भड़काकर उनके भविष्य से न खेलें
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कुछ दल छात्र आंदोलन का मुद्दा उठाकर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं। छात्रों का राजनीतिकरण करना पूरी तरह से अनुचित है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान, कुछ राजनीतिक दलों ने छात्रों को सड़कों पर उतारकर एमपीएससी परीक्षा के मुद्दे को उसी तरह उठाया था।
सोमवार को दसवीं और बारहवीं कक्षा की ऑनलाइन परीक्षा की मांग को लेकर हजारों छात्र मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और उस्मानाबाद में सड़कों पर उतर आए। इन छात्रों को सड़कों पर ले जाना और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बहुत गलत है। यह बात महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कही है। उन्होंने छात्रों को आगे कर राजनीति करने वालों को कड़ी फटकार लगाई है। पटोले ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार छात्रों के साथ है। उन्होंने कहा कि सरकार, छात्रों की मांगों पर चर्चा करके कोई रास्ता जरुर निकालेगी, लेकिन छात्रों को किसी के बहकावे में आकर कानून – व्यवस्था को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।
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इस अवसर पर बोलते हुए पटोले ने आगे कहा कि कोरोना के कारण पिछले डेढ़ साल से स्कूल-कॉलेज भले ही बंद हैं, लेकिन मविआ सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा जारी रखी है, ताकि छात्रों की पढ़ाई पर इसका कोई असर न हो। उन्होंने कहा कि छात्रों का स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पटोले ने कहा कि स्कूल बंद होने से छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है और परीक्षाएं फिर से शुरू करने और ऑफलाइन परीक्षा देने की भारी मांग हो रही है। सरकार ने तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद यह फैसला लिया है। यदि छात्रों और अभिभावकों को अभी भी कुछ संदेह और समस्याएं हैं, तो इस पर चर्चा की जा सकती है और मिल कर निर्णय लिया जा सकता है। इसलिए छात्रों को दिशाभूल कर सड़कों पर ले जाना गलत है।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कुछ दल छात्र आंदोलन का मुद्दा उठाकर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं। छात्रों का राजनीतिकरण करना पूरी तरह से अनुचित है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान, कुछ राजनीतिक दलों ने छात्रों को सड़कों पर उतारकर एमपीएससी परीक्षा के मुद्दे को उसी तरह उठाया था। आंदोलन के दौरान कई छात्र कोरोना से संक्रमित भी हुए थे। छात्रों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। जहां सरकार ने हर वर्ग के लोगों के विचारों को ध्यान में रखा है। वहीं छात्र, अभिभावक, शिक्षाविद समेत सभी पक्षों से चर्चा करने के बाद सरकार ने ऑफलाइन परीक्षा का फैसला लिया है। ऐसे में किसी को भी राज्य में माहौल खराब करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। पटोले ने कहा कि छात्रों को भी किसी के बहकावे में न आकर पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि मविआ सरकार उनका नुकसान नहीं होने देगी। पटोले ने कहा कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ से बात कर जरुर कोई रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे।
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