मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने हड़ताली डॉक्टरों को तत्काल काम पर लौटने का दिया निर्देश
मुख्य न्यायाधीश आर मलिमथ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हड़ताली चिकित्सकों को तत्काल प्रभाव से काम पर लौटने का निर्देश दिया।’’ उन्होंने कहा कि अदालत ने चिकित्सकों को निर्देश दिया है कि वे अदालत की अनुमति के बिना भविष्य में हड़ताल पर नहीं जाएं।
जबलपुर। मई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों को तत्काल प्रभाव से अपने काम पर लौटने के बुधवार को निर्देश दिये। यह जानकारी याचिकाकर्ता के वकील ने दी। याचिकाकर्ता के वकील संजय अग्रवाल ने बताया, ‘‘मुख्य न्यायाधीश आर मलिमथ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हड़ताली चिकित्सकों को तत्काल प्रभाव से काम पर लौटने का निर्देश दिया।’’ उन्होंने कहा कि अदालत ने चिकित्सकों को निर्देश दिया है कि वे अदालत की अनुमति के बिना भविष्य में हड़ताल पर नहीं जाएं।
वकील ने कहा कि जबलपुर नगर निगम के पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवरपाल सिंह ने फरवरी में उस वक्त यह जनहित याचिका दायर की थी, जब चिकित्सकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की योजना बनाई थी। हालांकि, तब चिकित्सकों ने हड़ताल पर जाने का अपना फैसला वापस ले लिया था क्योंकि याचिका अदालत में लंबित थी। अग्रवाल ने कहा कि याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकीलों ने पीठ को बताया कि चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर आज बुधवार से प्रदेशव्यापी हड़ताल पर चले गये हैं, जिस कारण प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों सहित जिला अस्पतालों तथा अन्य सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रों में चिकित्सा सेवाएं ठप्प हो गयी हैं। लोगों को उपचार नहीं मिल रहा है और वे इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने 12 अप्रैल से दो मई 2023 तक रोजाना दो घंटे की हड़ताल की और वे तीन मई 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये। अग्रवाल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने मांग की है कि हड़ताल को अवैध घोषित किया जाए और चिकित्सकों को काम पर लौटने का निर्देश दिया जाए क्योंकि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी। मालूम हो कि मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने ग्रामीण इलाकों में तैनात अपने सहकर्मियों के लिए मूलभूत सुविधाओं और कथित नौकरशाही हस्तक्षेप को समाप्त करने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद मध्य प्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के बैनर तले विभिन्न चिकित्सा संघों द्वारा यह हड़ताल की जा रही है। महासंघ ने दावा किया कि करीब 13,000 चिकित्सक हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं।
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