सोशल मीडिया खातों को आधार से जोड़ना: शीर्ष अदालत ने लंबित याचिकायें अपने यहां मंगाई
उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया के खातों को आधार के साथ जोड़ने को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकायें मंगलवार को अपने यहां स्थानांतरित कर लीं। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने फेसबुक की स्थानांतरण याचिका पर यह आदेश दिया।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया के खातों को आधार के साथ जोड़ने को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकायें मंगलवार को अपने यहां स्थानांतरित कर लीं। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने फेसबुक की स्थानांतरण याचिका पर यह आदेश दिया। पीठ ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि इससे संबंधित सारे मामले प्रधान न्यायाधीश के समक्ष पेश करे ताकि इन्हें जनवरी, 2020 के अंतिम सप्ताह में सुनवाई के लिये उचित पीठ को सौंपा जा सके।शीर्ष अदालत ने केन्द्र को नियमों की अधिसूचना, जिसके तहत सोशल मीडिया का दुरूपयोग रोका जा सके और जनवरी के पहले सप्ताह में पेश करने का निर्देश से कहा कि सोशल मीडिया का दुरूपयोग रोका जा सके और कूट संदेशों के लिये मध्यस्थों की जिम्मेदारी निर्धारित की जा सके।
Supreme Court transfers all cases pending before different High Courts relating to interlinking of Aadhaar database with social media profiles. pic.twitter.com/kZ8fy2zWL1
— ANI (@ANI) October 22, 2019
पीठ ने यह आदेश उस वक्त दिया जब तमिलनाडु की ओर से अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में इस विषय पर लंबित सारे मामले शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की फेसबुक का विरोध छोड़ दिया।केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया कि यह व्यक्तिगत निजता में दखल देने का बहाना नहीं है बल्कि यह राष्ट्र की सुरक्षा और सार्वभौमिकता का संरक्षण करने का प्रयास है। मेहता ने कुछ याचिकाकर्ताओं के इन आरोपों का खंडन किया है कि सरकार के विचाराधीन नियमों का मसौदा व्यक्तियों की निजता को कुचलने का सरकार का प्रयास है। उनका कहना है ये नियम प्राधिकारियों को किसी विशेष संदेश या विवरण के मूल स्रोत का पता लगाने के लिये मध्यस्थों की जिम्मेदारी निर्धारित करने में मददगार होंगे।
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