केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच निष्क्रियता के आरोपों का खंडन किया
मंत्री ने कहा कि केरल में इस बीमारी के फैलने का यह गलत मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि इससे लोगों की जिंदगियां प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमार लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इससे पहले, सतीशन ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा कि भले ही देश में कोविड के 89 फीसदी मामले इसी राज्य में हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे लेकर क्या कार्रवाई की है, इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘केरल में रविवार को (कोविड-19 के कारण) चार लोगों की मौत हुई तथा 111 नए मामले सामने आए।’’ सतीशन ने कहा, ‘‘इससे पहले कि लोग वायरस के प्रसार को लेकर भयभीत हों, सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन द्वारा राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करने के कुछ समय बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को आरोप लगाया कि कुछ लोग इस मामले पर जनता के बीच अनावश्यक दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सतीशन के आरोप के जवाब में कहा, ‘‘यह बिल्कुल गलत है।’’ सतीशन ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार दक्षिणी राज्य में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। जॉर्ज ने कहा कि नवंबर में कोविड-19 के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि देखने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उचित एहतियाती उपाय जारी किए थे और इस संबंध में तैयारी की। उन्होंने कहा कि मंत्रिस्तरीय बैठक में उस समय जीनोम अनुक्रमण के लिए नमूने भेजने का निर्णय लिया गया था।
मंत्री ने एक बयान में कहा, ‘‘नमूने नवंबर से पूर्ण जीनोम परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। वायरस का जेएन.1 स्वरूप केवल तिरुवनंतपुरम के काराकुलम के 79 वर्षीय व्यक्ति के नमूने में पाया गया था। वह मरीज घर पर इलाज के बाद ठीक हो गया था।’’ उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में भारत से सिंगापुर की यात्रा करने वाले 15 लोगों में वहां वायरस के जेएन.1 स्वरूप का पता चला था। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि कोविड-19 का ये स्वरूप भारत के अन्य राज्यों में भी मौजूद है।’’ मंत्री ने केरल में कोविड-19 मामले की विशेषता पर प्रकाश डाला और कहा कि राज्य में किए गए जांच के कारण ही इसका पता चल पाया। उन्होंने दावा किया, ‘‘केरल में प्रणालियों की उत्कृष्टता और सतर्कता के कारण इसका पता चला।’’ जॉर्ज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति से निपटने के लिए उचित तैयारी की है।
उन्होंने कहा, ‘‘शुरू से ही हम देख रहे हैं कि आईसीयू बेड और वेंटिलेटर का उपयोग बढ़ रहा है या नहीं। इस पर अब भी नजर रखी जा रही है।’’ मंत्री ने कोविड-19 मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए कहा कि अस्पतालों में पृथक वार्ड, कमरे, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 13 से 16 दिसंबर तक 1,192 सरकारी और निजी अस्पतालों की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए एक ऑनलाइन ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित की गई थी। मंत्री ने खुलासा किया कि 1,957 ऑक्सीजन बेड, 2,454 आईसीयू बेड और 937 वेंटिलेटर आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई है। जॉर्ज ने स्पष्ट किया कि संक्रमण से जान गंवाने वाले व्यक्ति अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। उन्होंने दावा किया, ‘‘कोविड-19 से किसी की मौत नहीं हुई है और जिनकी मौत हुई है उन्हें अन्य गंभीर बीमारियों के कारण अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।’’
मंत्री ने कहा कि केरल में इस बीमारी के फैलने का यह गलत मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि इससे लोगों की जिंदगियां प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमार लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इससे पहले, सतीशन ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा कि भले ही देश में कोविड के 89 फीसदी मामले इसी राज्य में हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे लेकर क्या कार्रवाई की है, इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘केरल में रविवार को (कोविड-19 के कारण) चार लोगों की मौत हुई तथा 111 नए मामले सामने आए।’’ सतीशन ने कहा, ‘‘इससे पहले कि लोग वायरस के प्रसार को लेकर भयभीत हों, सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
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