ईडी के समक्ष पेश होने के लिए जारी समन पर कानूनी राय लेंगे : Kavita

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दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को समन जारी किए जाने के बाद भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता ने कहा कि जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने को लेकर कानूनी राय लेंगी क्योंकि उनका 10 मार्च को महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी में धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम है।

दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को समन जारी किए जाने के बाद भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता ने कहा कि जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने को लेकर कानूनी राय लेंगी क्योंकि उनका 10 मार्च को महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी में धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह ईडी के साथ पूरा सहयोग करेंगी। कविता ने आरोप लगाया कि यह उन्हें ‘धमकाने का हथकंडा’ है और बीआरएस इसके आगे नहीं झुकेगी।

यहां जारी बयान में कविता ने दावा किया कि 10 मार्च को महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रस्तावित अनशन के मद्देनजर ईडी ने उन्हें नौ मार्च को पेश होने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘कानून का पालन करने वाली नागरिक होने के नाते मैं जांच एजेंसी का पूरी तरह से सहयोग करूंगी। हालांकि, धरना और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की वजह से पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर कानूनी राय लूंगी।’’

बीआरएस नेता ने कहा, ‘‘मैं केंद्र में सत्तारूढ़ दल को बताना चाहती हूं कि हमारे नेता मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की आवाज दबाने और पूरी बीआरएस पार्टी को भयभीत करने के ये हथकंडे हमें झुका नहीं सकेंगे।’’ गौरतलब है कि 44 वर्षीय कविता को नौ मार्च को दिल्ली में संघीय एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। कविता ने कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व में बीआरएस भाजपा की विफलताओं को उजागर करने और भारत के उज्ज्वल एवं बेहतर भविष्य के लिए आवाज उठाने के लिए संघर्ष करना जारी रखेगी।

इस बीच, ईडी द्वारा कविता के खिलाफ जारी समन को लेकर तेलंगाना में सत्तारूढ़ बीआरएस ने केंद्र की राजग सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग है। तेलंगाना के कृषि मंत्री एस. निरंजन रेड्डी ने आरोप लगाया कि कविता के खिलाफ मामला बदले की कार्रवाई है, क्योंकि भाजपा मुख्यमंत्री केसीआर का मुकाबला करने में असमर्थ है। उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र ‘‘अडाणी मुद्दे’’ पर चुप क्यों है और ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग इस मामले की जांच क्यों नहीं करते।

वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद बंडी संजय कुमार ने कविता की उन टिप्पणियों पर आपत्ति जताई कि तेलंगाना दिल्ली में बैठी ‘‘दमनकारी जनविरोधी सरकार’’ के सामने कभी नहीं झुकेगा। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘क्या कविता तेलंगाना के लोगों के भले के लिये अवैध शराब के सौदे में लिप्त हैं। बीआरएस एमएलसी अदालत में अपनी बेगुनाही साबित कर सकती हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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