कर्नाटक उच्च न्यायालय Prajwal Revanna की जमानत याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई करेगा
बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत और अग्रिम जमानत याचिकाओं पर बंद कमरे में सुनवाई करने का सोमवार को फैसला किया। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्न की एकल पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई बंद कमरे में होगी इसे खुली अदालत में नहीं सुना जा सकता।
बेंगलुरु । कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत और अग्रिम जमानत याचिकाओं पर बंद कमरे में सुनवाई करने का सोमवार को फैसला किया। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्न की एकल पीठ ने कहा, “इस मामले की सुनवाई बंद कमरे में होगी, इसे खुली अदालत में नहीं सुना जा सकता ...ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी कीमत पर अपमानित किया जाए।”
विशेष लोक अभियोजक प्रोफेसर रविवर्मा कुमार के अनुरोध के बाद बंद कमरे में सुनवाई का निर्णय लिया गया है। उन्होंने पहले आग्रह किया था कि पीड़िताओं की पहचान सुरक्षित रखने के लिए मामले की सुनवाई बंद कमरे में की जाए। नवीनतम सुनवाई के दौरान एकल पीठ को बताया गया कि रेवन्ना के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है तथा उसकी एक प्रति उच्च न्यायालय को सौंप दी गई है। रेवन्ना फिलहाल यहां परप्पना अग्रहारा जेल में न्यायिक हिरासत में है। एक विशेष जांच दल (एसआईटी) रेवन्ना के खिलाफ चार अलग-अलग मामलों की जांच कर रहा है।
होलेनरसिपुरा थाने में दर्ज एक मामले के सिलसिले में रेवन्ना को 31 मई को जर्मनी से बेंगलुरु हवाई अड्डा पहुंचने पर एसआईटी ने गिरफ्तार किया था। रेवन्ना की जमानत याचिका इसी मामले से संबंधित है, जबकि अग्रिम जमानत याचिका यहां एसआईटी द्वारा दर्ज एक अन्य मामले से जुड़ी है। यौन शोषण के मामले तब प्रकाश में आए जब 26 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हासन में पेन-ड्राइव कथित तौर पर वितरित की गईं जिनमें प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कथित अश्लील वीडियो थे। इस संबंध में विभिन्न मामलों के दर्ज होने के बाद जनता दल (एस) ने हासन से पूर्व सांसद रेवन्ना को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
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